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महाकाल मंदिर की प्राचीनता और मजबूती बनाए रखने के लिए CBRI टीम ने की जांच, SC को सौंपेगी सुझाव रिपोर्ट

locationउज्जैनPublished: Feb 18, 2021 05:27:27 pm

Submitted by:

Faiz Faiz Mubarak

CBRI टीम द्वारा महाकाल मंदिर प्रांगण से लेकर परिसर में बने पत्थरों के खंभों की जांच की गई।

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महाकाल मंदिर की प्राचीनता और मजबूती बनाए रखने के लिए CBRI टीम ने की जांच, SC को सौंपेगी सुझाव रिपोर्ट

उज्जैन/ 12 ज्योतिर्लिंगों से एक मध्य प्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की जांच करने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) रुड़की की टीम बुधवार को महाकाल मंदिल पहुंची। दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को भी टीम द्वारा मंदिर स्ट्रक्चर की मजबूती से संबंधित जांच की। टीम द्वारा की जा रही जांच की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पैश की जाएगी। महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग क्षरण को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के स्ट्रक्चर की केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI) रुड़की से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। टीम द्वारा मंदिर प्रांगण से लेकर परिसर में बने पत्थरों के खंभों की जांच की।

 

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[typography_font:14pt;” >मंदिर के हर क्षेत्र की कड़ी जांच कर रही टीम

जांच दल के प्रमुख वैज्ञानिक अचल मित्तल के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मंदिर की प्राचीनता बनाए रखने के लिए CBRI के साथ GSI और ASI द्वारा जांच कराई जा रही है। तीनों संस्थान अपने-अपने स्तर और विशेषताओं के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। CBRI की टीम द्वारा मंदिर जांच के लिये तीरी बार आई है। इससे पहले की जांच में काफी टेस्टिंग और विजुअल इंस्पेक्शन किया जा चुका है। मौजूदा जांच के आधार पर फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

 

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टीम देगी ये सुझाव

अचल मित्तल ने ये भी बताया कि, मंदिर की प्राचीनता को बनाए रखने के लिये मुख्य न्यायालय द्वारा जांच कराई जा रही है। साथ ही, जांच टीमें अपनी ओर से कोर्ट को सुझाव भी देंगी कि, मंदिर की प्राचीनता बनाए रखने के लिये और क्या क्या उपाय किये जा सकते हैं। पत्थरों और शिवलिंग के क्षरण रोकने और मंदिर को किसी तरह का नुकसान ना हो, इसकी जांच कर बचाव से संबंधित सुझाव भी कोर्ट को दिये जाएंगे।

 

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पत्थरों से एनेमल पेंट हटाया गया, ताकि…

मंदिर में कई स्थानों पर पत्थरों को एनेमल पेंट से रंगा गया था। जिसे ASI (ऑर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) के निर्देशन के आधार पर हटा दिया गया है। इससे पत्थरों की प्राचीनता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि टीम अपनी रिपोर्ट में पत्थरों और शिवलिंग के क्षरण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट को अपना सुझाव देगी। ताकि क्षरण को जितना संभव हो रोका जा सके।

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