हर्बल गुलाल से खेलेंगे होली
30 जनवरी को बसंत पंचमी उत्सव की धूम रहेगी। महाकाल मंदिर में वासंती पुष्प के साथ हर्बल गुलाल अर्पित किया जाएगा। शहर के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर में भगवान को महाराष्ट्रीयन पद्धति से बनाए गए केसरिया भात का भोग लगाया जाएगा। साथ ही सांदीपनि आश्रम और ढाबा रोड स्थित ठाकुरजी की हवेली में 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत होगी। शहर के अन्य मंदिरों में उत्सव को लेकर तैयारी शुरू हो गई है।
आज भी निभाते हैं परंपरा
गोपाल मंदिर के पुजारी पं. अर्पित जोशी ने बताया कि मंदिर में सिंधिया स्टेट की परंपरा अनुसार त्योहार मनाए जाते हैं। बसंत पंचमी पर गोपालजी को सुबह केसर के जल से स्नान कराया जाएगा। केसर चंदन से शृंगार कर केसरिया वस्त्र धारण कराए जाएंगे। भगवान को सरसों के फूलों के साथ इस ऋ तु में आने वाले समस्त प्रकार के फूल अर्पित किए जाएंगे।
इन वस्तुओं का लगेगा भोग
भोग में महाराष्ट्रीयन पद्धति से लोंग, इलाइची, अदरक, केसर आदि से बनाए गए केसरिया भात का भोग लगाया जाएगा। केसरिया बर्फी, पंचमेवा, केसरिया मोहन भोग विशेष रूप से भोग में शामिल होगा। इस दिन से मंदिर में 40 दिवसीय फाग उत्सव की शुरुआत होगी। मंदिर के सभा मंडप में प्रतिदिन महिलाएं फाग के गीत गाकर फूलों से होली खेलेंगी।
उड़ेगा भक्ति का गुलाल
शहर के पुष्टिमार्गीय वैष्णव मंदिरों में बसंत पंचमी से फाग उत्सव की शुरुआत होगी। 40 दिन तक राजभोग आरती में मुखियाजी ठाकुरजी को अबीर-गुलाल से होली खिलाएंगे। मंदिर में भक्ति का गुलाल उड़ेगा, भक्त भी ठाकुरजी के रंग में रंगे नजर आएंगे।
सांदीपनि आश्रम में विद्या आरंभ संस्कार
भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली श्री सांदीपनि आश्रम में बसंत पंचमी पर विद्या आरंभ संस्कार होगा। पं. रूपम व्यास ने बताया इस दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती के पूजन का दिन है। भगवान श्रीकृष्ण ने यहां शिक्षा ग्रहण की थी, इसलिए गोमती कुंड के तट पर बच्चों का पाटी पूजन कराकर विद्या आरंभ संस्कार कराया जाता है।