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Lok Sabha Elections : संसदीय सीट पर टिकट का संतुलन बनाना चुनौती

locationउज्जैनPublished: Mar 19, 2019 11:47:41 am

Submitted by:

Lalit Saxena

प्रदेश में सत्ता खो चुकी भाजपा के लिए उज्जैन-आलोट व देवास-शाजापुर संसदीय सीट पर टिकट का संतुलन बनाना किसी चुनौती से कम नहीं।

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उज्जैन. प्रदेश में सत्ता खो चुकी भाजपा के लिए उज्जैन-आलोट व देवास-शाजापुर संसदीय सीट पर टिकट का संतुलन बनाना किसी चुनौती से कम नहीं। उज्जैन सीट के लिए बीते दो-तीन चुनावों से दावेदारी कर रहे नेताओं की नजर इस बार देवास-शाजापुर सीट पर भी गढ़ी हुई है। लिहाजा वे संगठन को अपनी ओर से तैयार कैमेस्ट्री समझाकर उज्जैन नहीं तो वहां से चुनाव लड़ाने की मांग कर रहे हैं। जातिगत वोट बैंक व अपनी संभागीय छवि के भरोसे नेता सीट जीतने का दावा उच्च स्तरीय नेताओं के समक्ष कर रहे हैं। दोनों सीटों पर जातियों के साथ नेताओं में बेहतर संतुलन बना रहे और दोनों सीट अपनी झोली में बनाए रखने अब पार्टी भी पसोपेश में है कि किस को मैदान में उतारा जाए।
उज्जैन-आलोट सीट से भाजपा से टिकट की दावेदारी में आधा दर्जन प्रमुख नाम हैं। इसके अलावा कुछ नाम आलोट निवासी कार्यकर्ताओं के भी हैं, जिन्हें लग रहा है कि उज्जैन से टिकट नहीं मिलेगा तो वे हाथो हाथ अपने लिए देवास-शाजापुर के लिए भी मांग रख देते हैं। ताकी कभी कोई राजनीतिक उलटफेर हो तो उन्हें वहां से मौका मिल जाए।
पहले कभी एेसी स्थिति खुलकर नहीं बनती थी, लेकिन इस बाद देवास-शाजापुर सीट से मजबूत दावेदारी के अभाव में उज्जैन के स्थानीय नेता वहां निगाहें बनाए हुए हैं। कुछ तो एेसे हैं, जिनका अपने ही जिले में जनाधार नहीं है, लेकिन वे पड़ोसी जिले को घर जैसा ही प्रदर्शित करने में जुटे हैं।
उज्जैन सीट पर नया चेहरा भी संभव
उज्जैन संसदीय सीट पर भाजपा पिछली बार की बढ़त को बरकरार रखना चाहती है। इसको लेकर कई तरह के सुझाव व रणनीति पर मंथन जारी है। पार्टी सूत्रों की मानें तो ऊपरी स्तर पर यह भी विचार चल रहा है कि मौजूदा सांसद चिंतामणि मालवीय को देवास-शाजापुर से मैदान में उतारकर यहां कोई नए चेहरे को मौका दे। इसके पीछे मंशा एंटी इंकंबेंसी को कम करने व नया नेतृत्व उभारने की है। संघ स्तर से भी एेसी सलाह दी गई है। पार्टी का मानना है कि एेसा होने पर दोनों सीट भाजपा की ही झोली में रहेगी।
ये नाम चर्चाओं में
राज्यसभा सदस्य सत्यनारायण जटिया, पूर्व विधायकअनिल फिरोजिया, भाजपा नगर महामंत्री सुरेश गिरि, पूर्व विधायक सतीश मालवीय, नारायण परमार के नाम दोनों सीटों से चर्चाओं में है। सूत्रों की मानें तो भोपाल स्तर से इन दो संसदीय सीटों के लिए नाम में उलटफेर के संकेत हैं।
आज भोपाल में चयन समिति की बैठक
प्रदेश की संसदीय सीटों को लेकर भोपाल में भाजपा की चयन समिति बैठक मंगलवार को होगी। इसमें सभी २९ सीटों के लिए नामों पर चर्चा की जाएगी। चयन समिति संबंधित क्षेत्रों के समीकरण के आधार पर जीत की प्रबल दावेदारी के नाम पहले नंबर पर रखेगी। वहीं विकल्प के तौर पर अन्य तीन नाम प्रस्तावित करेगी।
पार्टी सर्वोपरि है
&पार्टी फोरम पर प्रत्येक कार्यकर्ता को अपनी भावना रखने का अधिकार है। चुनाव पहले तक ही नेता अलग दावेदारी करते हैं लेकिन संगठन जिस पर मुहर लगा दे उसके बाद सभी उसको जिताने में जुट जाते हैं। इस बार भी यही होगा।
विवेक जोशी, नगर जिला अध्यक्ष भाजपा
एेसे तर्कों के सहारे पड़ोसी सीट से आस
तीन जिलों को अपने में समेटे है देवास-शाजापुर की संसदीय सीट। यहां जातिगत वोट बैंक को नेता बड़ा हथियार मान रहे हैं।
इस क्षेत्र के फिलहाल मजबूत दावेदार नहीं होने से नेता अपने नाम को वहां के उपयुक्त ठहराने में लाबिंग कर रहे हैं।
नेताओं का तर्क है कि जब दूरदराज से लाकर चुनाव लड़ा दिया जाता है तो हम तो क्षेत्र के ही हैं।
सीट उज्जैन संभाग क्षेत्र की होने से नेताओं का दावा है कि हम तो वहां लोगों से सतत संपर्क में रहते हैं।
तर्क के साथ कुछ नेता तो इतने उतावले हो रहे हैं कि उन्होंने भाईसाहब से उस क्षेत्र में भ्रमण की अनुमति भी मांग ली।

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