scriptVideo छठ पूजन: नदी में खड़े रहकर की सूर्य साधना… अघ्र्य देकर की व्रत पारणा | Chhath Poojan surya Sadhana surya Vrat | Patrika News

Video छठ पूजन: नदी में खड़े रहकर की सूर्य साधना… अघ्र्य देकर की व्रत पारणा

locationउज्जैनPublished: Oct 27, 2017 01:08:11 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

छठ पर्व के क्रम में बिहार, झारखंड और उत्तर भारत के लोगों ने शिप्रा नदी और अन्य सागर-सरोवर के किनारे पूजन-अर्चन सूरज को अघ्र्य प्रदान किया।

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उज्जैन. छठ पर्व के क्रम में गुरुवार को बिहार, झारखंड और उत्तर भारत के लोगों ने शिप्रा नदी और अन्य सागर-सरोवर के किनारे पूजन-अर्चन सूरज को अघ्र्य प्रदान किया। शुक्रवार को तड़के 5 बजे उगते सूरज को अघ्र्य दिया गया। छठ पर्व पर महिलाओं ने उपवास किया। गुरुवार को महिलाओं द्वारा पहले अघ्र्य के पूर्व बांस की टोकरी में अघ्र्य का सूप सजाया। शाम को महिलाओं ने शिप्रा किनारे रामघाट सहित शहर के विभिन्न सागर और विक्रम विवि परिसर स्थित विक्रम सरोवर किनारे एकत्र होकर डूबते सूर्य को अघ्र्य प्रदान किया। शुक्रवार को उगते सूरज को अघ्र्य देकर महिलाएं छठ व्रत का पारण आरंभ किया।

शिप्रा तट पर पूजन
छठ महापर्व को लेकर शिप्रा तट रामघाट पर उपासकों का मेला लगा। गुरुवार शाम ४ बजे से सूर्य को अघ्र्य देने बैंड बाजों व ढोल ताशों के साथ उपासक पहुंचे। महापर्व की संध्या पर पूजन सामग्री की खरीदी के लिए बाजार में लोगों की भीड़ दिखाई दी।

चावल-गुड़ की खीर का भोग
व्रतियों ने अरवा चावल व गुड़ की खीर बनाकर सूर्य भगवान का स्मरण कर ३६ घंटों तक निर्जला व्रत करने का संकल्प लिया। व्रतियों के घरों से घी की पूजन सामाग्री बनाने की तैयारी शुरू हुई। महिलाओं ने परपंरागत ठेकुआ, कसार (पीसे हुए चावल से बने लड्डू), गुजिए, शकर पारे बनाए। इन्हें ही प्रसाद के रूप में फलों के साथ वितरित करने की परपंरा है।

पानी में खड़े रहकर सूर्य को अघ्र्य
गुरुवार शाम ४ बजे जहां व्रतियां सूप व दउरा में फल, ठेकुआ, कसार व नारियल आदि रख पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी (सूर्यास्त) को अघ्र्य अर्पित किया, वहीं शुक्रवार अलसुबह उगते सूर्य को अघ्र्य अर्पित करने के बाद व्रतियों का अनुष्ठान पूरा किया। समाजजनों द्वारा चल समारोह निकाला गया। करीब २५ हजार से अधिक लोगों ने रामघाट पहुंचकर पूजा-अर्चना संपन्न की। घाटों से जाने के बाद मन्नत करने वाले उपासक अपने-अपने घरों में कोसी (सभी प्रकार के फलों को मिट्टी के कलश में रखकर लोक गीतों का महिलाओं द्वारा गाया जाना) भरने की रस्म अदा की। अलसुबह ४ बजे पुन: उदय होते सूर्य को अध्र्य देने के लिए आराधक घाटों का रुख किया।

चार दिवसीय छठ पर्व
चार दिवसीय छठ पर्व बिहार, झारखंड और उत्तर भारत के लोगों ने मनाया। गुरुवार को पूजन-अर्चन के साथ डूबते सूरज को और शुक्रवार को फिर उगते सूर्य को अघ्र्य दिया। छठ पर्व के क्रम में महिलाओं ने उपवास रखा। शाम के वक्त छठी माता को गुड़ वाली खीर और रोटी से बना प्रसाद चढ़ाया। साथ ही छठी मां को फल अर्पित किए। महिलाओं द्वारा पहले अघ्र्य के दिन बांस की टोकरी में अघ्र्य का सूप सजाया।

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