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मुख्य नगर परिषद अधिकारी पर क्यो भड़कीं अध्यक्ष

locationउज्जैनPublished: Jun 04, 2018 12:31:09 am

Submitted by:

Lalit Saxena

लाखों रुपए की लागत से बन रहे गार्डन को लेकर नगर परिषद प्रशासन गंभीर नहीं है।

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उन्हेल. लाखों रुपए की लागत से बन रहे गार्डन को लेकर नगर परिषद प्रशासन गंभीर नहीं है। इसी के चलते इस लापरवाही का फायदा उठाते हुए निर्माण कंपनी जब भी नगर परिषद प्रशासन नोटिस जारी करती है तो निर्माण कंपनी 2 मिस्त्री व 2 मजदूर लगा कर काम प्रगति पर होना बता देते है। निर्माण कंपनी के पास मेनेजमेेंट व्यवस्था नहीं होने के कारण यह समस्या पैदा हो रही है और नगर परिषद प्रशासन भी उक्त निर्माण कंपनी का पक्ष ले रहा है। वर्तमान नगर सरकार के कार्यकाल में इस बच्चा गार्डन का काम पूरा होना संभव नहीं है।
इसलिए दी भूमि
नगर में एक मात्र विश्राम गृह है जिसका संचालन लोक निर्माण विभाग करता है पर इस विभाग की माली हालत खराब होने के कारण विश्राम गृह का विकास होना संभव नहीं है। विभाग के पास इसको लेकर कोई फंड भी नहीं है और तो और यहां पर पानी का भी संकट है। विश्राम गृह से लगी भूमि पर गार्डन को विकसित करने की जवाबदारी इसी विभाग की थी। इसी के चलते नगर सरकार ने गार्डन की डीपीआर बनाई तो विभाग के संभाग से लेकर भोपाल तक ने उक्त भूमि नगर सरकार को देने का फैसला मंत्रालय के आदेश पर कर दिया। इससे गार्डन बनने के बाद विश्राम गृह की रंगत बढ़ेगी। यही लेाक निर्माण विभाग का मानना था पर गार्डन की कछुआ चाल निर्माण से विकास पर संकट के बादल खड़े हो गए है ।
यह होना है गार्डन में : मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना के तहत इस गार्डन के निर्माण के लिए 29 लाख 60 हजार रुपए से इसे विकसित करना है यहां पर निर्माण कंपनी योगेश अग्रवाल एंड कंपनी को गार्डन को चारो तरफ से बाउंड्रीवाल का निर्माण करने के बाद मुख्य द्वार पर पाइप सिलिंग के अलावा मेरीटेस होम भी बनाना है। इसके अलावा भूमि को डेकोरेशन के साथ आकर्षित फूल वाले पौधे लगाने के लिए काली मिट्टी से इसका डेवलप करना है। इसके बाद ही नगर सरकार को बच्चों के मनोरंजन संबधित सामग्री की खरीदी कर इस गार्डन की शुरूआत करना है ।
पत्रिका ने उठाया मुददा
नगर सरकार को भूमि आवंटन से लेकर निरंतर पत्रिका ने जागरूक करते हुए आवाज उठाई थी। जब यह मामला भोपाल मंत्रालय में प्रशासनिक स्वीकृति में अटका था, तब पत्रिका ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था, तब नगर परिषद अध्यक्ष को भोपाल जाकर इसकी स्वीकृति करानी पड़ी थी। जब निर्माण कंपनी ने काम की शुरूआत नहीं की थी। नगर परिषद प्रशासन से लेकर निर्माण कंपनी की लापरवाही उजागर की थी। इसके बाद नगर सरकार ने निर्माण कंपनी को नोटिस जारी कर दिए है और अब काम में प्रगति नहीं दिख रही है तो मुख्य नगर परिषद अधिकारी ने इंजीनियर को नेाटिस जारी किया था। अब निर्माण कंपनी बाउंड्रीवाल के कालम भरने का काम धीमी गति से कर रहा है ।
कार्य प्रगति पर लाएं
&निर्माण कंपनी व मुख्य नगर परिषद अधिकारी से लेकर इंजीनियर तक को यह स्पष्ट कर दिया है कि समयावधि में कार्य में प्रगति लाए।
छाया सचिन पाटनी, अध्यक्ष, नगर परिषद
&नगर परिषद अध्यक्ष की नाराजगी सही है, मैने इंजीनियर को भी लिखित नोटिस जारी कर दिया है। निर्माण कंपनी ने काम की शुरूआत की है पर जो प्रगति चाहिए वह नहीं दिख पा रही है ।
अशोक तिवारी, मुख्य नगर परिषद अधिकारी

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