scriptसीएम राइज स्कूलों की रिसती छत के नीचे पढऩे को मजबूर नौनिहाल | Children forced to study under the leaky roof of CM Rise Schools | Patrika News

सीएम राइज स्कूलों की रिसती छत के नीचे पढऩे को मजबूर नौनिहाल

locationउज्जैनPublished: Jul 20, 2022 11:59:31 am

Submitted by:

atul porwal

हाल-ए-सरकारी स्कूल..
– जिले के कई प्राथमिक, माध्यमिक व हासें स्कूल मांग रहे मरम्मत, कीचड़ से सने स्कूल मैदानों को मुरम दरकार

Children forced to study under the leaky roof of CM Rise Schools

Children forced to study under the leaky roof of CM Rise Schools

अतुल पोवाल

उज्जैन.
सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ छात्रों को स्पोट्र्स, सामाजिक, निशुल्क आवागमन जैसी सुविधाएं देने के लिए सीएम राइज स्कूल शुरू हुए। पहले चरण में जिले के ८ सीएम राइज स्कूल में तीन जिला मुख्यालय पर हैं। इनमें से दो, शा. हायरसेकंडरी स्कूल जालसेवा निकेतन व शा. हायरसेकंडरी स्कूल जीवाजीगंज पुराने जर्जर हो चुके भवनों में संचालित हैं। बावजूद इसके वैकल्पिक व्यवस्था के अभाव में इन्हीं भवनों में कक्षाएं चल रही हैं। इसके अलावा प्राथमिक से लेकर हायरसेकंडरी तक शहर के ४६० से ज्यादा स्कूल भावन मरम्मत मांग रहे हैं, जहां की टपकती छत के नीचे बच्चों को पढ़ाई में परेशानी झेलना पड़ रही है। अधिकांश स्कूलों के खेल मैदान बारिश में कीचड़ से सने हैं, जिस वजह से स्पोट्र्स गतिविधियों नहीं हो पा रही है। इस तरह के भवनों में परेशानियों से जूझ रहे छात्रों को बेहतर शिक्षा का दावा बेमाने साबित हो रहा है।
यह है जिले के सरारी स्कूल भवनों की ताजा स्थिति
* २१४५ प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल भवनों में से ४५० की स्थिति खराब, जिन्हें मरम्मत जरूरत है।
* जिला मुख्यालय ३० प्राथमिक, माध्यमिक व २ हायसरसेकंडरी स्कूल भवन जर्जर स्थिति में।
* जजैर भवनों के मरम्मत का प्रस्ताव तैयार, लेकिन मंजूरी नहीं मिल पाई।
* ८८ स्कूल भवन पूर्व में जीर्ण-शीर्ण घोषित हो चुके हैं। जबकि २७ स्कूलों की घोषणा होना है, जिनका प्रस्ताव राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा जा चुका है। इनमें ६ जिला मुख्यालय उज्जैन के हैं।
एक ही कमरे में चल रही दो क्लास
बारिश के मौसम में टपकती छत के चलते बच्चों को परेशानी से बचाने के लिए कई स्कूलों में एक ही कक्ष में दो क्साल चल रही है। आधे कमरे में एक ओर एक क्लास तो आधेर कमरे में दूसरी ओर मुंह घूमाकर दूसरी क्लास चल रही है। स्कूल प्रधानों के मुताबिक कमरों की कमी वाले स्कूलों में यही वैकल्पिक व्यवस्था है।
भूमि का आवंटन हो चुका
दोनों सीएम राइज स्कूलों के लिए भूमि का आवंटन हो चुका है। भवन बनते ही वहां शिफ्ट हो जाएंगे, लेकिन तब तक इनका संचालन वर्तमान भवन में ही होगा। भवन की मरम्मत का आदेश हो चुका है। बारिश में छात्रों को ज्यादा परेशानी ना हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
-गिरीश तिवारी, एडीपीसी, जिला शिक्षा कार्यालय उज्जैन
मरम्मत का प्रस्ताव भेजा है
जिन स्कूल भवनों की स्थिति ठीक नहीं है उनकी मरम्मत का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अनुमति मिलते ही मरम्मत कर देंगे, लेकिन तब तक यथा स्थिति में स्कूलों का संचालन होता रहेगा। बारिश में छात्रों को परेशानी ना हो इसके लिए संबंधित प्रधानाध्यापकों को सूचित कर दिया है।
– संदीप जैन, सहायक यंत्री, जिला शिक्षा केंद्र, उज्जैन
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