* २१४५ प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल भवनों में से ४५० की स्थिति खराब, जिन्हें मरम्मत जरूरत है।
* जिला मुख्यालय ३० प्राथमिक, माध्यमिक व २ हायसरसेकंडरी स्कूल भवन जर्जर स्थिति में।
* जजैर भवनों के मरम्मत का प्रस्ताव तैयार, लेकिन मंजूरी नहीं मिल पाई।
* ८८ स्कूल भवन पूर्व में जीर्ण-शीर्ण घोषित हो चुके हैं। जबकि २७ स्कूलों की घोषणा होना है, जिनका प्रस्ताव राज्य शिक्षा केंद्र को भेजा जा चुका है। इनमें ६ जिला मुख्यालय उज्जैन के हैं।
बारिश के मौसम में टपकती छत के चलते बच्चों को परेशानी से बचाने के लिए कई स्कूलों में एक ही कक्ष में दो क्साल चल रही है। आधे कमरे में एक ओर एक क्लास तो आधेर कमरे में दूसरी ओर मुंह घूमाकर दूसरी क्लास चल रही है। स्कूल प्रधानों के मुताबिक कमरों की कमी वाले स्कूलों में यही वैकल्पिक व्यवस्था है।
दोनों सीएम राइज स्कूलों के लिए भूमि का आवंटन हो चुका है। भवन बनते ही वहां शिफ्ट हो जाएंगे, लेकिन तब तक इनका संचालन वर्तमान भवन में ही होगा। भवन की मरम्मत का आदेश हो चुका है। बारिश में छात्रों को ज्यादा परेशानी ना हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
-गिरीश तिवारी, एडीपीसी, जिला शिक्षा कार्यालय उज्जैन
जिन स्कूल भवनों की स्थिति ठीक नहीं है उनकी मरम्मत का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अनुमति मिलते ही मरम्मत कर देंगे, लेकिन तब तक यथा स्थिति में स्कूलों का संचालन होता रहेगा। बारिश में छात्रों को परेशानी ना हो इसके लिए संबंधित प्रधानाध्यापकों को सूचित कर दिया है।
– संदीप जैन, सहायक यंत्री, जिला शिक्षा केंद्र, उज्जैन