प्रदेश सरकार बच्चों की पढ़ाई पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करती है, लेकिन धरातल पर यह दावे सच साबित होते नहीं दिख रहे हैं।
उज्जैन•Aug 14, 2019 / 12:22 am•
Ashish Sikarwar
प्रदेश सरकार बच्चों की पढ़ाई पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करती है, लेकिन धरातल पर यह दावे सच साबित होते नहीं दिख रहे हैं।
जिले में स्कूल
2100 (पहली से आठवीं तक)
अध्ययनरत बच्चे
114000
जिले में छात्रावास
14
ड्रेस के लिए मिलने वाली राशि
600 रुपए (प्रति विद्यार्थी)
उज्जैन. प्रदेश सरकार बच्चों की पढ़ाई पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करती है, लेकिन धरातल पर यह दावे सच साबित होते नहीं दिख रहे हैं। हाल ये है कि नवीन शिक्षा सत्र (२०१९-२०) शुरू हुए दो माह हो गए लेकिन बच्चों को अभी तक नई ड्रेस नहीं मिल पाई है। ऐसे में या तो वह पुरानी ड्रेस या घर के कपड़े पहनकर स्कूल जा रहे हैं।
उज्जैन जिले में करीब पहली से आठवीं तक के २१०० स्कूल हैं। इनमें १ लाख १४ हजार बच्चे अध्ययनरत हैं। इन्हें हर साल ड्रेस के लिए सरकार की तरफ से रुपए दिए जाते हैं, लेकिन इस बार अभी तक बच्चों को रुपए नहीं मिले हैं। ऐसे में इन बच्चों का स्वतंत्रता दिवस पुरानी ड्रेस में ही बनेगा।
छात्रावास के बच्चों को मिले कपड़े
इधर जिले में संचालित १४ छात्रावास में अध्ययनरत १३०० बच्चों को स्कूली ड्रेस तो नहीं मिली अलबत्ता दो जोड़ रूटीन कपड़े, जूते, चप्पल, स्टेशनरी आदि मिल चुकी है। हालांकि यह बच्चे भी वर्तमान में पुरानी ड्रेस या रूटीन कपड़े पहनकर ही स्कूल जा रहे हैं।
पालक-शिक्षक संघ जारी करता है
हर साल एक बच्चे को दो ड्रेस के लिए ६०० रुपए मिलते हैं। यह राशि राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल से संबंधित स्कूल के पालक-शिक्षक संघ को जारी करता है। पालक-शिक्षक संघ फिर बच्चों के खातों में राशि जमा करता है। इसके बाद ही बच्चे ड्रेस खरीदते हैं, लेकिन इस बार यह राशि अभी तक जारी नहीं की गई है।
वर्तमान में भोपाल से ही राशि जारी नहीं हो पाई है। इस कारण बच्चों को नई ड्रेस नहीं मिल पाई है। जैसे ही भोपाल से राशि जारी होगी। संबंधित बच्चों के खातों में राशि डाल दी जाएगी।
पीएस सोलंकी, डीपीसी, उज्जैन