scriptसिटी बस: एक लापरवाही पड़ेगी हजारों पर भारी | City Bus: There will be a negligence, effected thousands | Patrika News

सिटी बस: एक लापरवाही पड़ेगी हजारों पर भारी

locationउज्जैनPublished: Jul 22, 2019 12:18:57 am

Submitted by:

anil mukati

सिटी बस के परमिट खत्म, शहरी रूट पर २१ दिन से जारी जोखिम भरा सफर

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उज्जैन। शहरी रूट पर नगर निगम के जरिए संचालित हो रही सिटी बस के परमिट की मियाद खत्म हो चुकी है। परमिटों की आखिरी तारीख यूं तो ३० जून ही थी, लेकिन अब तक नए परमिट के लिए निगम ने आरटीओ में आवेदन नहीं किया। एेसे में २१ दिन से मुसाफिर सिटी बस में जोखिम भरा सफर कर रहे हैं। किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर बीमा क्लेम व अन्य दावे के लिए बस का वैध परमिट होना अनिवार्य है। सिटी बसों के प्रति अधिकारियों की बेरूखी का इससे बड़ा नमूना क्या हो सकता है कि इतने दिन बीतने के बाद भी किसी को परमिट की सुध नहीं।
शहरी रूट पर बसों का ठेका निरस्त करते हुए अप्रैल से निगम ने अपने हाथ में संचालन ले लिया था। इसके बाद एक बार तो परमिट के लिए प्रक्रिया हुई, जिसकी मियाद ३० जून को खत्म हो गई। इसके बाद नए परमिट नहीं लेने से फिलहाल शहर में ८ सिटी बस अवैध रूप से दौड़ रही हैं। ये स्थिति मुसाफिरों के लिए जोखिम भरी है। क्योंकि बस संचालन के लिए परिवहन नियमों के मुताबिक वैध परमिट होना जरूरी है। निगम द्वारा संचालन किए जाने से आरटीआे अमले ने भी परमिट को लेकर कोई पत्राचार नहीं किया।
पहले ४ माह बगैर परमिट चली थी बस
नवंबर २०१८ से फरवरी २०१९ तक भी चार माह शहर में १८ सिटी बस का संचालन बगैर परमिट हुआ था। तब भी पत्रिका ने मामला उठाकर जिम्मेदारों की पोल उजागर की थी। तब कहीं जाकर बस ऑपरेटर ने परमिट लिए और संचालन वेध कराया। तब आरटीओ द्वारा जुर्माना भी लगाया गया था। शहर में बाहर से आने वाले लोग बड़ी संख्या में इसका उपयोग करते हैं। बावजूद बसों के परमिट नहीं होना पूरे सिस्टम के लिए चिंताजनक है। क्योंकि किसी तरह की वाहन दुर्घटना या अप्रिय स्थिति बनने पर बस का परमिट होना अनिवार्य है। अन्यथा बीमा कंपनियां किसी तरह का भी क्लैम नहीं देती।

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