मिठाई-कपड़ों की दुकानों पर भीड़
मिठाई और कपड़ों की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। सड़कों पर वाहनों की कतारें और दुकानों में खरीदारों की भीड़ नजर आ रही है। बच्चों के कपड़े, साड़ी, राखियां, नारियल के अलावा गिफ्ट्स आयटम भी बहनों द्वारा खरीदे जा रहे हैं।
बसों और ट्रेनों में भीड़
रक्षाबंधन पर्व पर भाई के घर जाने के लिए बहनों को मशक्कत भरा सफर करना होगा। शनिवार को ही अधिकांश बहनें अपने भाईयों के घर जाने के लिए रवाना होंगी। क्योंकि इस बार राखी का त्योहार रविवार को है। बहनों को आने-जाने के लिए बसों और ट्रेनों का सहारा लेना होगा। इस दिन बसों और रेलगाडिय़ों में सफर करने वाले अधिकांश लोगों को परेशानी होगी।
इस बार भद्रा का साया नहीं
हर बार रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया रहने से बहनों को शुभ मुहूर्त के लिए घंटों प्रतीक्षा करना होती थी, लेकिन इस बार भद्रा का साया नहीं है। पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार बहनें सुबह से लेकर शाम तक कभी भी अपने भाइयों की कलाई पर स्नेह का बंधन बांध सकती हैं। दिनभर शुभ मुहूर्त रहेगा।
भाई की कलाई पर बांधें वैदिक राखी
शास्त्रानुसार रक्षाबंधन के दिन अगर बहन भाई की कलाई पर वैदिक राखी बांधती है तो भाई में न केवल सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा, बल्कि उसे संक्रामक रोगों से लडऩे की शक्ति भी मिलेगी। इसे ही असली रक्षासूत्र भी माना जाता है। पं. अमर डिब्बावाला के अनुसार समय के साथ पर्व व उनमें उपयोग होने वाली सामग्री में भी बदलाव हुआ है। शास्त्रानुसार कच्चे धागे की राशि बांधना चाहिए। वैदिक राखी भी बांधी जा सकती है। इसे आसानी से घर पर तैयार भी किया जा सकता है।