कुत्ते के काटने पर सीएम हेल्पलाइन पर पहुंच गई शिकायत
6 दिन से अस्पताल में इंजेक्शन ही नहीं, सरकार तक मामला पहुंचने पर जिले से मंगवाएं 400 डोज
उज्जैन
Published: March 26, 2022 12:21:36 am
हरीश पांचाल
नागदा . सीएम हेल्पलाइन पर अब तक राजस्व, पुलिस, नगर पालिका आदि विभागोंं में भ्रष्टाचार की शिकायतें पहुंचती थी, लेकिन अब कुत्ते के काटने पर रेबीज के इंजेक्शन के लिए भी सरकार से गुहार लगाना पड़ रही है। क्योंकि सिस्टम में लाचारी इस कदर छाई हुई है कि बिना शिकायत के कुछ भी नहीं मिल रहा है।
ऐसा ही एक मामला नागदा का सामने आया है। शहर के एक युवक को कुत्ते ने काटा तो रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए वह सरकारी अस्पताल गया। यहां से बार-बार उसे यह कहकर लौटाया गया कि अस्पताल में अभी रेबीज के इंजेक्शन नहीं है। बार-बार मनुहार के बाद युवक को स्थानीय स्तर से निराशा मिली तो उसने इंजेक्शन के लिए सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से सरकार से गुहार लगाई। शिकायत से महकमे में हड़कंप मचा तो जिले से ताबड़तोड़ रेबीज के 400 डोज मंगवाएं और घटना के छह दिन बाद शुक्रवार को पीडि़त को अस्पताल बुलवाकर पहला डोज लगाया। युवक को कुल तीन डोज लगना है। संभवत: यह प्रदेश का पहला ऐसा मामला होगा जब रेबीज के इंजेक्शन के लिए किसी मरीज को सीधे शासन से मदद लेना पड़ रही है। शहर में डॉग बाइट की घटनाएं बढ़ रही है और नपा का पूरा फोकस स्वच्छता सर्वेक्षण पर है। इसके लिए अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ खुद प्रशासक तक फील्ड पर है। क्योंकि...सर्वेक्षण में श्रेष्ठ रैकिंग मिलने पर शहर का कद बढ़ेगा और नपा पुरस्कृत होगी। मगर कुत्ते पकडऩे से नपा को कुछ खास फायदा नहीं। इसलिए यहां ध्यान नहीं दिया जा रहा है। केवल वार्ड नंबर 17 में ही चार दिन में डॉग बाइट की चार घटनाएं हुई है। क्षेत्र के अजीतेश, अनुज, कॉलोनी में आना-जाना करने वाले इंद्रजीत नामक व्यक्ति भी डॉग बाइट का शिकार हुए है। चूंकि बाजार में रेबीज का इंजेक्शन काफी महंगा मिलता है और सरकारी अस्पताल में आधार कार्ड के आधार पर नि:शुल्क डोज लगाएं जाते है। स्वास्थ्य विभाग नेे भी यह बात स्वीकारी है कि 6 दिन से अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन नहीं थे। ऐसे में सवाल यह है कि डोज खत्म होने पर तुरंत डोज क्यों नहीं मंगवाएं जाते। इसलिए शहर में आवारा कुत्तों को पकडऩे में नपा और रेबीज के इंजेक्शन की व्यवस्था जुटाने में स्वास्थ्य विभाग जिम्मेदार है। यह व्यवस्था सुधरना चाहिए।
21 को कुत्ते ने काटा, 23 तक चक्कर लगाएं, किसी ने नहीं सुनी तो की शिकायत
घटना वार्ड नंबर 17 गुलाबबाई कॉलोनी निवासी रितेश तिवारी के साथ हुई है। उन्होंने बताया कि 21 मार्च को उसके पैर पर कुत्ते नेे काट लिया था। इसी दिन वह रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए सरकारी अस्पताल गया था। मगर यहां से इंजेक्शन नहीं होने का कहकर रवाना कर दिया। घाव गहरा था, यह बढ़े नहीं इसलिए युवक इंजेक्शन के लिए 23 मार्च तक बार-बार अस्पताल के चक्कर काटता रहा। मगर हर बार उसे निराशा मिली। फिर 24 मार्च को युवक ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करते हुए प्रदेश सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से मदद मांगी। शिकायत संबंधित विभाग में फॉरवर्ड की गई। चौबीस घंटे के भीतर विभाग ने संज्ञान लेते हुए जिले से रेबीज के डोज मंगवाएं और युवक को अस्पताल बुलाकर पहला डोज लगाकर शिकायत को बंद कराया।
करीब 6 दिन तक अस्पताल में रेबिज के इंजेक्शन नहीं थे। जिले से 400 डोज मंगवा लिए गए हैं। - डॉ. कमल सोलंकी, बीएमओ, नागदा
हमारी तरफ से समय-समय पर आवारा श्वानों को पकडऩे की कार्रवाई की जा रही है। मेरे पास भी गली-मोहल्लों में श्वानों को पकडऩे को लेकर फोन आएं है। लोगों की शिकायतों पर हम नपा की टीमें भिजवाकर कुत्तों को पकड़वा रहें हैं। आपने जो वार्ड बताया है। वहां भी टीम भेजकर श्वानों को पकड़वाएंगे। - आशुतोष गोस्वामी, प्रशासक, नगर पालिका, नागदा

6 दिन से अस्पताल में इंजेक्शन ही नहीं, सरकार तक मामला पहुंचने पर जिले से मंगवाएं 400 डोज
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