scriptइस लोकसभा सीट पर खराब है कांग्रेस का रिकॉर्ड, किसी उम्मीदवार को दोबारा नहीं मिलता मौका | Congress's record is bad on this Lok Sabha seat | Patrika News

इस लोकसभा सीट पर खराब है कांग्रेस का रिकॉर्ड, किसी उम्मीदवार को दोबारा नहीं मिलता मौका

locationउज्जैनPublished: Apr 13, 2019 12:57:43 am

Submitted by:

anil mukati

भाजपा ने जटिया पर पर कई बार दाव लगाया, कांग्रेस ने सूर्यवंशी व गुड्डू को छोड़ कभी नहीं जताया दोबारा भरोसा

patrika

Congress’s record is bad on this Lok Sabha seat

उज्जैन. उज्जैन आलोट संसदीय सीट पर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों का अलग ही रहा इतिहास रहा है। यहां १९६७ के बाद से कांग्रेस के प्रत्याशी महज दो बार जीत का स्वाद चख सके हैं। खास बात यह कि कांग्रेस ने दुर्गादास सूर्यवंशी व प्रेमचंद गुड्डू को दोबारा टिकट देकर विश्वास जताया लेकिन वह जीत नहीं सके। इसके उलट भाजपा ने अपने एक ही प्रत्याशी सत्यनारायण जटिया पर एक नहीं सात दफे विश्वास जताया और वे छह बार चुनाव भी जीते। हालांकि डॉ. जटिया जैसा विश्वास भाजपा ने अपने किसी और प्रत्याशी पर नहीं जताया।
लोकसभा क्षेत्र उज्जैन-आलोट भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों के जीत के लिए अनोखी है। यहां भाजपा के सत्यनारायण जटिया को छोड़ दे तो ऐसा कोई प्रत्याशी नहीं है, जिसने दूसरी बार चुनाव लड़ा और सीट पर कब्जा बकरार रखा। जनसंघ के जमाने मेंं ही १९६७ में सीट आरक्षित हुई तो हुकुमचंद कछवाय ने कांग्रेस के दुर्गादास सूर्यवंशी को हराकर जीत हासिल की। अगले चुनाव १९७१ में जनसंघ से फूलचंद वर्मा जीते। उनके सामने कांग्रेस से बापूलाल मालवीय खड़े हुए थे उन्हें हार देखनी पड़ी। हालांकि १९७७ में हुकुमचंद कछवाय दोबारा से जीते। इस बार वे भारतीय लोकदल पार्टी से खड़े हुए थे। इसके बाद १९८० में भाजपा से सत्यनारायण जटिया जीते। १७ वर्ष बाद १९८४ में इंदिरा गांधी की मौत की लहर में कांग्रेस के सत्यनारायण पंवार ने जीत दर्ज की। इसके बाद से कांग्रेस का खाता ही नहीं खुला। वर्ष १९८० से वर्ष २००९ तक भाजपा के सत्यनारायण जटिया जीतते रहे। उनके सामने कांग्रेस के सज्जनसिंह वर्मा, सिद्धनाथ परिहार, तुलसी सिलावट, अवंतिका प्रसाद मरमट जैसे कांग्रेसी उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा। वर्ष २००४ में गुड्डू को कांग्रेस ने जटिया के सामने खड़ा किया था लेकिन हार हुई। वर्ष २००९ में ३४ वर्ष बाद कांग्रेस के प्रेमचंद्र गुड्डू ने जटिया को हराया। वर्ष २०१४ में गुड्डू दोबारा चुनाव लड़े तो उन्हें जीत हासिल नहीं हुई। ऐसे ही वर्ष २०१४ में भाजपा से जीते चितांमणि मालवीय भी दोबारा टिकट लाने में असफल रहे।
मध्यभारत में १० वर्ष कांग्रेस के पास रही सीट
मध्यभारत व सीटों के आरक्षण के पूर्व उज्जैन-आलोट लोकसभा कांग्रेस के हाथ में रही है। यहां वर्ष १९५७ व १९६२ में राधेलाल व्यास कांग्रेस पार्टी से जीते थे। वर्ष १९६७ में जब आरक्षित वर्ग के लिए हुई थी यो यहां से जनसंघ की पकड़ मजबूत हुई
कब कौन जीता
– १९६७ में जनसंघ से उम्मीदवार हुकुमचंद कछवाय ने कांग्रेस के दुर्गादास सूर्यवंशी को हराया।
– १९७१ में जनसंघ के फूलचंद वर्मा ने कांग्रेस के बापूलाल मालवीय को हराया ।
– १९७७ में भारतीय लोकदल के हुकुमचंद्र कछवाय ने कांग्रेस के दुर्गादास सूर्यवंशी को हराया।
– १९८० में भाजपा के सत्यनारायण जटिया ने कांग्रेस के सुज्जनसिंह विश्नार को हराया।
– १९८४ में कांग्रेस के सत्यनारायण पंवार ने भाजपा के जटिया को हराया।
– १९९१ में भाजपा के जटिया ने कांग्रेस के सज्जनसिंह वर्मा को हराया।
– १९९६ में भाजपा के जटिया ने कांग्रेस के सिद्धनाथ परिहार को हराया
– १९९८ में भाजपा के जटिया ने कांग्रेस के अवंतिका प्रसाद मरमट को हराया ।
– १९९९ में भाजपा के जटिया ने कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट को हराया।
– २००४ में भाजपा के जटिया ने कांग्रेस के प्रेमचंद्र गुड्डू केा हराया।
– २००९ में कांग्रेस के प्रेमचंद्र गुड्डू ने भाजपा के जटिया को हराया।
– २०१४ में भाजपा के चिंतामणि मालवीय ने कांग्रेस के प्रेमचंद्र गुड्डृ को हराया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो