उज्जैन

महाअष्टमी पर कोरोना का असर, उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों में होगी ऐसी पूजा

सिर्फ पुजारी ही निभाएं परंपरा, अन्य किसी को जाने की इजाजत नहीं

उज्जैनMar 31, 2020 / 06:07 pm

anil mukati

सिर्फ पुजारी ही निभाएं परंपरा, अन्य किसी को जाने की इजाजत नहीं

उज्जैन. चैत्र नवरात्रि पर्व समापन की ओर है। बुधवार को महाअष्टमी पर्व मनाया जाएगा। लोग अपने घरों में कुलदेवी का पूजन करेंगे। देवी मंदिरों में विशेष अनुष्ठान व आरती-पूजन किया जाएगा, लेकिन इसमें आम भक्तों को शामिल नहीं होने दिया जाएगा, सिर्फ पुजारी ही परंपराओं का निर्वहन करेंगे।
शहर में लॉकडाउन के चलते किसी को भी घर से निकलने की इजाजत नहीं दी जा रही है। लोग अपने घरों में रहकर ही देवी की आराधना और पूजन संपन्न करें। प्रशासन ने कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए यह ऐलान किया है कि सभी लोग घरों से बाहर न आएं। नवरात्रि पर्व की महाअष्टमी पर भी विशेष सतर्कता बरती जाएगी। कहा गया है कि सिर्फ पुजारी ही मंदिर की परंपरानुसार पूजा-अर्चना करें और शीघ्र ही घर लौट जाएं। अधिक भीड़ न होने दें।
इस साल नहीं होगी नगर पूजा
नवरात्रि की महाअष्टमी पर हर साल होने वाली नगर पूजा भी इस बार नहीं होगी। कलेक्टर शशांक मिश्र ने कहा है कि सभी लोग घरों में ही रहें। वहीं मंदिर के पुजारी ही इस परंपरा का निर्वाह कर लें, अधिक भीड़ न लगाएं।
निरंजनी अखाड़े ने भी लिया निर्णय
कोरोना के भयंकर प्रकोप को देखते हुए शासन को सहयोग देने के लिए इस वर्ष उज्जैन में पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी के महंत रवींद्रपुरी अध्यक्ष मनसा माता मंदिर ट्रस्ट हरिद्वार द्वारा नवरात्रि महापर्व की महाअष्टमी को होने वाली नगर पूजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। पं. राजेश व्यास ने बताया इस परंपरा की शुरुआत सम्राट विक्रमादित्य द्वारा नगर की संपन्नता के लिए की गई थी, जिसका निर्वहन जिला प्रशासन द्वारा शारदीय नवरात्र में किया जाता है व विगत 2 वर्ष से चैत्रीय नवरात्र में निरंजनी अखाड़े द्वारा संपन्न की जाती रही है। किंतु इस वर्ष इस संक्रमणकाल को देखते हुए पूजन न करने का निर्णय लिया है।

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