उज्जैनPublished: May 25, 2020 12:06:34 am
Mukesh Malavat
होम क्वॉरंटीन के बाद भी उज्जैन से नागदा पहुंचा था अधिकारी, संपर्क में आने वाले विभाग के दो आरक्षक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को प्रशासन ने किया होम क्वॉरंटीन
होम क्वॉरंटीन के बाद भी उज्जैन से नागदा पहुंचा था अधिकारी, संपर्क में आने वाले विभाग के दो आरक्षक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को प्रशासन ने किया होम क्वॉरंटीन,होम क्वॉरंटीन के बाद भी उज्जैन से नागदा पहुंचा था अधिकारी, संपर्क में आने वाले विभाग के दो आरक्षक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को प्रशासन ने किया होम क्वॉरंटीन,होम क्वॉरंटीन के बाद भी उज्जैन से नागदा पहुंचा था अधिकारी, संपर्क में आने वाले विभाग के दो आरक्षक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को प्रशासन ने किया होम क्वॉरंटीन
नागदा. पिछले 22 दिन से शहर में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज के सामने नहीं आने के बाद प्रशासन ने शनिवार शाम को ही चंबल मार्ग स्थित तीसरा और आखिरी कंटेनमेंट क्षेत्र को खोल दिया था। इसी के साथ शहर में एक भी मरीज कोरोना संक्रमित नहीं होने से शहर ओरेंज से ग्रीन झोन में तब्दील हो चुका था। संभावना जताई जा रही थी कि कोरोना पर विजय प्राप्त करने के बाद जल्द ही शहर के हालात सुधरेंगे और लोगों को पिछले दो माह के लॉकडाउन और कफ्र्यू से निजात मिल जाएगी, लेकिन नागदा में पदस्थ आबकारी अधिकारी की लापरवाही ने एक बाद फिर शहरवासियों को कोरोना के खतरे में झोंक दिया है। कारण जो अधिकारी कोरोना से संक्रमित मिला है वह नागदा में पदस्थ है, और 20 मई को अपने ड्राइवर के साथ नागदा पहुंचकर करीब आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के संपर्क में आया था। जिसमें विभाग के दो आरक्षक और शराब ठेकेदार के कर्मचारी और कुछ ग्रामीण शामिल हंै। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने संपर्क में आने वाले सभी लोगों को होम क्वॉरंटीन कर दिया हैं, साथ ही लापरवाही करने वाले अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई करने के लिए विभाग को पत्र लिखा है। एसडीएम आरपी वर्मा ने बताया आबकारी इंस्पेक्टर की कोरोना जांच के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने 21 मई को सैंपल लिया था, जिसकी दो दिन बाद यानि 23 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
उज्जैन से नागदा पहुंचा अधिकारी
एसडीएम आरपी वर्मा ने बताया नागदा में पदस्थ जिस आबकारी विभाग के एसआई की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसकी पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। 16 मई को पॉजिटिव अधिकारी को जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने घर पर ही रहने को निर्देश दिए थे। लेकिन अधिकारी ने कोरोना नियमों का पालन नही करते हुए 20 मई को बिना किसी की इजाजत के अपने ड्राइवर के साथ नागदा आकर ना केवल अपने कार्यालय पहुंचा बल्कि शराब ठेकेदार के कर्मचारी और रोहलखुर्द गांव के एक ग्रामीण परिवार से भी मुलाकात कर कोरोना का खतरे को बढ़ा दिया हैं। अधिकारी की टेवल्र्स हिस्ट्री को खंगालने पर प्रशासन को जानकारी लगी है कि 20 मई को अधिकारी ने नागदा दौरे के दौरान न केवल अपने अधीनस्त दो आरक्षकों के संपर्क में आया बल्कि दिनभर क्षेत्र स्थित शराब ठेकेदार के कर्मचारियों एवं रोहलखुर्द निवासी एक पोरवाल परिवार से भी मुलाकात की थी। जानकारी के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने संपर्क में आने वाले पांच लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए है, साथ ही सभी लोगों को रिपोर्ट आने तक होम क्वारेंटाइन कर दिया गया हैं।
ससुराल वालों को भी मुश्किल में डाला
कोरोना पॉजिटिव अधिकारी ने अपनी लापरवाही से ना केवल नागदावासियों को संकट में डाला है, बल्कि खुद के ससुराल पक्ष के कई लोगों की जिंदगी को भी दांव पर लगा दिया है। दरअसल उक्त अधिकारी ने रिपोर्ट आने के कुछ घंटे पहले ही सरकारी आदेश की अवेहलना करते हुए 23 मई को ससुराल ताजपुर भी गया था। यह बात कोरोना संक्रमित अधिकारी ने स्वयं ने पूछताछ के दौरान स्वीकार की है। एसडीएम वर्मा ने बताया मामला सामने आने के बाद ससुराल पक्ष के लोगों के भी सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा चुके है, साथ ही सभी को होम क्वॉरंटीन कर दिया गया है।
इसलिए भी बढ़ गया है खतरा
शुरुआती जांच में प्रशासन को भले ही पॉजिटिव अधिकारी के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या मात्र पांच बताई जा रही है, लेकिन सूत्र यह आंकड़ा अधिक होने का दावा कर रहे है। मिली जानकारी के मुताबिक 20 मई को नागदा आगमन के दौरान कोरोना संक्रमित अधिकारी ने ऐसे लोगों से भी मुलाकात की थी जो शहर में शराब बिक्री का अवैध कारोबार में संलग्न है। हालांकि प्रशासनिक जांच में अभी तक ऐसे लोगों का नाम सामने नहीं आया हंै। सूत्रों का दावा है कि ऐसे लोगों की संख्या एक दर्जन से अधिक है। अगर दावा सही साबित हुआ तो अधिकारी की यह लापरवाही शहर पर भारी पड़ सकती हैं।