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उज्जैन में फैसला : 4 वर्ष की बालिका से दुष्कर्म करने वाले को मिली ये सजा…

locationउज्जैनPublished: Jul 06, 2018 12:25:07 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

बालिकाओं को देवी मानकर पूजा जाता है और आरोपी ने सुलभ शिकार बना लिया, यह उदारता के लायक नहीं

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उज्जैन. देश में मासूम बालिकाओं के साथ अत्याचार और दुष्कर्म बढ़ रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में उज्जैन की अदालत ने एक आरोपी को कठोर सश्रम कारावास के साथ अंतिम सांस तक जेल में रहने का फैसला सुनाया है।

4 वर्ष की मासूम को रौंदा था दरिंदे ने
4 वर्ष की बालिका के साथ घिनौना अपराध करने वाले दुष्कर्मी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। माननीय न्यायाधीश विकास शर्मा ने सजा सुनाते हुए कहा कि यह भारत वर्ष की सुन्दरता है कि जहां छोटी-छोटी बालिकाओं को देवी मानकर पूजा कर उनका सम्मान किया जाता है, जबकि आरोपी लाखन ने बालिका को एक सुलभ शिकार बनाकर उसके साथ अनुचित व असम्मान पूर्वक व्यवहार किया है, जो महिलाओं और बालिकाओं के प्रति असम्मान की भावना व अपमान का द्योतक है। इस जघन्य कृत्य के लिए उदारता नहीं बरती जा सकती।

घटना का फ्लैशबैक
उप-संचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास के अनुसार 8 फरवरी 2016 को फरियादिया ने थाना घट्टिया में रिपोर्ट दर्ज की कि मेरे पति किसी काम से राजस्थान गए हुए थे। इस बीच मेरी दो पुत्रियां घर के आंगन में बच्चों के साथ खेल रही थीं, तभी सुबह 10 बजे 4 वर्षीय पुत्री को मोहल्ले के लाखन (23) पिता कन्हैयालाल निवासी घट्टिया ने चॉकलेट देने के बहाने घर में बुलाया। पड़ोस से चीख आने पर मैंने व मेरे भाई व मोहल्ले की एक अन्य महिला ने देखा, तो लाखन मेरी पुत्री के साथ दुष्कर्म (अप्राकृतिक कृत्य ) कर रहा था। आरोपी लाखन हमें देख भाग निकला।

पहला मामला : बच्ची के बयान नहीं लिए गए
थाना घट्टिया ने 363, 376(2) (आई) एवं पॉक्सो अधिनियम की धारा 5 (एम)/06 के तहत प्रकरण दर्ज किया। न्यायाधीश विकास शर्मा ने गुरुवार को सश्रम आजीवन कारावास (शेष प्राकृतिक जीवन) व 1000 रुपए जुर्माना तथा धारा 363 भादवि में 7 वर्ष सश्रम कारावास व 1000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने की। नेमा के मुताबिक यह पहला मामला है, जिसमें पीडि़त बच्ची की उम्र को देखते हुए बयान नहीं लिए गए और परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर सजा सुनाई गई।

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