घट्टिया थाने का है मामला
घट्टिया थाना क्षेत्र के ग्राम जलवा में 15 अगस्त को 4 वर्षीय मासूम के साथ पड़ोसी 14 वर्षीय नाबालिग ने बलात्कार किया था। मासूम का परिवार घटना के वक्त बाहर गया हुआ था। उसकी देखरेख की जिम्मेदारी पड़ोसी नाबालिग को सौंप कर गए थे। मासूम अन्य बच्चों के साथ आरोपी के घर खेल रही थी। आरोपी ने बच्चों को घर से भगा दिया था और मासूम के साथ बलात्कार किया। शाम को चाची घर लौटी तो घटना का पता चला। चाची की शिकायत पर बच्ची का मेडिकल करवायाा। 15 अगस्त को रात 3.30 बजे प्रकरण दर्ज किया गया। आरोपी को राजस्थान से रिश्तेदार के यहां से गिरफ्तार कर अगले दिन कोर्ट में पेश किया गया। सोमवार को पुलिस ने किशोर न्यायालय तृप्ति पांडे की कोर्ट में चालान डायरी पेश की। कोर्ट ने दिनभर सभी 13 गवाहों के बयान सुने और आरोपी को दो वर्ष की सजा सुना दी।
गवाह पलटे नहीं, इसलिए एक ही दिन में करवाए बयान
चार वर्ष की मासूम से बलात्कार के आरोपी को सजा दिलवाने के मामले में उज्जैन पुलिस और कोर्ट ने मिसाल पेश की है। मासूम से बलात्कार जैसे घिनौने मामले में पुलिस ने पांचवें दिन ही चालान डायरी न्यायालय में पेश कर दी। कोर्ट में गवाह पलटे नहीं इसलिए एक ही दिन में उनके बयान करवाए गए और आरोपी को सजा दिलवाई गई।
सभी गवाहों को एकसाथ पेश किया
एएसपी नीरज पांडे ने बताया कि कोर्ट में पुलिस द्वारा जुटाए गए साक्ष्य और गवाहों के पलटने से आरोपी को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचता है। इस गंभीर अपराध में भी गवाहों के पलटने की आशंका थी, जिसके चलते सभी गवाहों को एक साथ कोर्ट में पेश किया गया। चालान डायरी को तैयार करने में डीएनए रिपोर्ट और स्फ्रूटनिक सबसे बड़ा रोड़ा बनती है, जिसके चलते डीएनए रिपोर्ट को सागर लेब में विशेष अनुरोध के चलते हाथो हाथ तैयार करवाया गया। इसके लिए दो दिन तक जवान को वहीं रुकना पड़ा। स्फ्रूटनिक की प्रक्रिया भी विधिक मार्गदर्शक दीपेंद्र मालू द्वारा रविवार रात को ही पूर्ण करवाई गई थी। उनके सहयोग से ही सोमवार को किशोर बोर्ड न्यायालय तृप्ति पांडे की कोर्ट में चालान पेश किया गया। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने भी केवल 20 मिनट का ब्रेक लिया।
एक साथ सब जुटे और दिला दिया मासूम को न्याय
घट्टिया के ग्राम जलवा में 15 अगस्त को चार साल की मासूम के साथ 14 वर्षीय नाबालिग द्वारा बलात्कार की घटना सामने आने के बाद एसपी सचिन अतुलकर ने टीम गठित कर मामले में जल्द से जल्द सजा करवाने की योजना तैयार की, जिसके तहत अवकाश होने के बावजूद पुलिस और अन्य विभागों ने काम किया। डीएनए रिपोर्ट के सैंपल की जांच सागर स्थित पैथॉलाजी में की जाती है। यही प्रक्रिया सबसे ज्यादा समय में पूर्ण होती है। एएसपी नीरज पांडे ने बताया कि सैंपल लेकर गए जवान को रिपोर्ट मिलने तक रुकने के निर्देश जारी किए। सागर लेब में बात कर जांच रिपोर्ट दो दिन में ली गई।
आरोपी की गिरफ्तारी सबसे महत्वपूर्ण
क्राइम ब्रांच एएसपी प्रमोद सोनकर ने बताया कि इस प्रकार के मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी बेहद जरूरी होती है। इसलिए अपराध पंजीबद्ध होने के दौरान ही साइबर सेल की मदद से आरोपी की लोकेशन ट्रेस कर उसे पकडऩे की टीम को राजस्थान के लिए रवाना कर दिया गया। राजस्थान के चौमेला थाना क्षेत्र में रिश्तेदार के यहां से उसे गिरफ्तार किया गया। यदि वह हाथ से निकल जाता तो इतनी जल्दी न्याय संभव नहीं था।
केस में कब क्या हुआ
15 अगस्त- मासूम का मेडिकल करवाकर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में प्रकरण दर्ज किया गया।
16 अगस्त- क्राइम और साइबर सेल की टीम ने आरोपी को राजस्थान में रिश्तेदार के यहां से गिरफ्तार किया। उसका मेडिकल करवाकर न्यायालय में पेश किया गया। गवाहों के बयान लिए गए। मासूम के धारा 164 के तहत बयान करवाए गए।
17 अगस्त- पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के चलते राष्ट्रीय अवकाश घोषित।
18 अगस्त- शनिवार को आरोपी और पीडि़त मासूम के डीएनए सैंपल लेकर पुलिस जवान को सागर लेब भेजा गया।
19 अगस्त- डीएनए रिपोर्ट मिली। जवान डीएनए रिपोर्ट लेकर थाने पहुंचा।
20 अगस्त- पुलिस ने चालान पेश किया।
कोर्ट में कब क्या-क्या हुआ
सुबह 11 बजे- पुलिस ने चालान पेश किए
11.15 बजे- आरोप तय हुए
11.30 बजे- गवाहों के बयान लेना शुरू किया गया, जो कि 2.15 मिनट तक चले।
2.15 से 2.35 बजे तक लंच ब्रेक।
2.35- डॉक्टर के बयान लिए गए।
3.00 बजे- पुलिस के बयान लिए गए।
३.३० बजे- आरोपी के वकील ने गवाहों का प्रतिपरिक्षण किया।
4.00 बजे- आरोपी से न्यायालय ने सवाल-जवाव किए।
5.00 बजे- न्यायालय ने आरोपी को दो वर्ष सजा सुनाई। इस दौरान उसे इंदौर स्थित बाल सुधार गृह में रखा जाएगा।