उज्जैन

अभा अखाड़ा परिषद कार्यालय उद्घाटन व बैठक पर छाए संकट के बादल, संस्था पहुंची कोर्ट

नीलगंगा पड़ाव स्थल पर हुए निर्माण का मामाला कानूनी दांवपेंच में उलझा, जिला कोर्ट में दोनों पक्षों ने दी दलील

उज्जैनMay 31, 2019 / 09:42 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन। नीलगंगा स्थित सिंहस्थ पड़ाव स्थल पर निर्मित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नवीन भवन का लोकार्पण व परिषद की बैठक पर संकट के बादल छा गए हैं। 12 जून को तय हुए इस कार्यक्रम की तैयारियों के बीच भूमि स्वामित्व को लेकर कानूनी उलझन खड़ी हो गई है। जिस जगह भवन बना है व पड़ाव स्थल को अपनी भूमि बताते हुए श्याम गृह निर्माण संस्था ने जिला न्यायालय में वाद दायर कर दिया है, जिस पर शुक्रवार को दोनों पक्षों के अभिभाषकों ने अपनी दलीलें पेश की। अब कोर्ट आगामी कार्रवाई को लेकर अपना फैसला सुनाएगी।

आयोजन पर रोक लगाने की मांग रखी

न्यायाधीश अनिल कुमार सुहाने की कोर्ट में प्रस्तुत वाद में श्याम गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष दिलीप खंडेलवाल व अन्य पदाधिकारियों ने पड़ाव स्थल की भूमि को संस्था के मालिकाना हक की बताते हुए निर्माण कार्य व आगामी दिनों में होने वाले आयोजन पर रोक लगाने की मांग रखी है। कोर्ट में चल रही सुनवाई दौरान अभा अखाड़ा परिषद की और से उनके अभिभाषक सत्यनारायण व्यास ने बताया कि साल 2000 में यह जमीन संस्था के तत्कालीन बोर्ड से खरीदी गई है। सालों से मेले के पूर्व यहां अखाड़े रुकते आए हैं। 2 फरवरी 2018 को प्रथम कक्ष का निर्माण होकर इसी स्थान पर बैठक हुई थी। अब 30 बॉय 50 का भवन बनकर तैयार हैं और 12 जून को इसका लोकार्पण सभी 13 प्रमुख अखाड़ों के साधु-महात्माओं की उपस्थिति में होना है। संस्था की और से अभिभाषण मदनलाल दुग्गड़ ने जिरह की और संस्था के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज पेश किए।

जलोटा व मिश्र बंधुओं की भजन संध्या भी
भवन लोकार्पण वाले दिन शाम को प्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा की भजन संध्या प्रस्तावित है। यह भी पड़ाव स्थल की खुली भूमि पर होना है। साथ ही माधवनगर स्टेशन मार्ग पर बने जूना अखाड़े के भवन का लोकार्पण व भंडारा भी आयोजित है। इसकी पूर्व संध्या पर 11 जून को लखनऊ के प्रसिद्ध मिश्र बंधुओं की भजन संध्या व ब्रह्मगंगा नाटिका की प्रस्तुति निदान नृत्य अकादमी के कलाकारों द्वारा दी जाएगी। लेकिन कानूनी दांवपेच होने से ये सभी आयोजन संकट में पड़ गए हैं।

साधु-संत भी पहुंचे कोर्ट, कहा हमने पूर्व बोर्ड से खरीदी जमीन
शुक्रवार को जिला कोर्ट में जिरह दौरान विभिन्न अखाड़ों से जुड़े श्रीमहंत रामेश्वर गिरि, देव गिरि महाराज, सुदामानंद ब्रह्मचारी लाल बाबा, मंगलदास महाराज व अन्य अखाड़ों से साधु-संत भी पहुंचे ओर बताया कि उक्त भूमि अखाड़ा परिषद ने सोसायटी के पूर्व में निर्वाचित बोर्ड से उक्त भूमि खरीदी है। लेकिन अब सोसायटी के कथित अध्यक्ष व पदाधिकारी स्वार्थपूर्ति के लिए आपत्ति लेकर धार्मिक कार्यो में अड़ंगा लगाया जा रहा है।

इनका कहना –
हमने अभिभाषक की ओर से पूर्व की बैठक व स्वामित्व संबंधी दस्तावेज पेश कराए हैं। यदि न्यायालय का फैसला अखाड़ा परिषद के पक्ष में नहीं आया तो प्रस्तावित सारे धार्मिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए जाएंगे।

श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज, अध्यक्ष, अभा अखाड़ा परिषद

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