ग्रामीणों की मानें तो गर्मी के दिनों में अकसर जंगली जानवर पानी को तलाशते हुए रेाहयशी इलाकों में आ जाते हैं। पकड़ा गया मगरमच्छ भी शायद नदीं से सटे जंगल में भटक गया होगा और पानी तलाशते हुए गांव में आ गया। यही कारण है कि, मगरमच्छ को जैसे ही कुएं में पानी होने का अहसास हुआ, उसने तुरंत ही कुएं में छलांग लगा दी। इस दौरान मगरमच्छ ने कुछ देर पानी में गोते लगाए। कुछ देर बाद कुएं के किनारे लगकर बैठ गया था।
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मगरमच्छ चंबल नदी में छोड़ा
बता दें कि, उज्जैन से करीब 17 किमी दूर बांधका गांव में रेंगते हुए एक मगरमच्छ का बच्चा रहवासी क्षेत्र में पहुंच गया जिससे ग्रामीणों में डर गए। गनीमत रही कि पानी देख मगरमच्छ ने कुएं में छलांग लगा दी। कई घंटों तक मगरमच्छ कुएं के किनारे सटकर बैठा रहा। ग्रामीणों ने जागरूकता का परिचय देते हुए वन विभाग को मगरमच्छ के बारे में सूचना दे दी। जिसके बाद रेस्क्यू दल ने आकर कुएं में जाल बिछाकर मगरमच्छ के बच्चे को रेस्क्यू किया। वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ चंबल नदी में छोड़ दिया है।
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क्या कहते हैं दल प्रभारी?
“वन विभाग टीम के दल प्रभारी मदन मोहरे ने बताया कि मगरमच्छ के बच्चे को वन मंडल उज्जैन द्वारा ग्राम बांदका के कुएं से सुरक्षित ग्रामीणों की मदद से निकाल लिया गया है। चंबल नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया है। रेस्क्यू कार्य में वन रक्षक उमेश वर्मा, सोनू चोहान, देव करण बेंडवाल व अन्य की मदद से बाहर निकाला गया।