शहर में सिंहस्थ दरमियान व इसके आसपास निर्र्मित हुई सड़कों में से कई अब जवाब दे चुकी हैं। कुछ में पैंचवर्क तो कुछ जगह नए निर्माण की दरकार है। लेकिन स्थिति यह है की अभी तो इनके मेंटेनेंस के ही लाले हैं। दोनों विभागों के अपने तर्क हैं। मामला भोपाल स्तर पर भी पहुंचा था, लेकिन वहां से भी कोई हल नहीं हो सका। सड़क मेंटेनेंस के एकपक्षीय निर्धारण को नगर निगम मानने को तैयार नहीं। इधर अरसे से आला प्रशासनिक अधिकारियों ने भी विधिवत हस्तांतरण या रखरखाव संबंधी प्रक्रिया नहीं कराई।
शहरी सड़कों का तब डामरीकरण पीडब्ल्यूडी ने कराया था
सिंहस्थ में शहरी सड़कों पर पीडब्ल्यूडी ने डामरीकरण व जहां जरूरत थी नई सड़क बनाई थी। निमयानुसार इनके ५ साल के मेंटेनेंस का जिम्मा संबंधित ठेकेदार का होना था। इसी अवधि में अब बारिश में जब सड़के खराब हो रही है तो निगम ने यह कहते हुए मेंटेनेंस से इनकार कर दिया कि यह काम पीडब्ल्यूडी ने कराया था, वे गारंटी पीरियड होने से इसे दुरुस्त कराएं, जबकी पीडब्ल्यूडी का तर्क है कि सड़क नगर निगम की ही हंै, हमनें तो सिंहस्थ में काम किया था, बाद का जिम्मा हमारे पास नहीं है।
इस तरह की दिक्कत व परेशानियां
– हैंडओवर नहीं हुई सड़कों पर फिलहाल निगम भी पैंचवर्क नहीं करा रहा। अधिकारी फंड का अभाव बता रहे हैं।
– सालाना बजट में जो फंड होता है वह नाकाफी है। इसके लिए शासन स्तर से भी पृथक राशि निगम ने मांगी है।
– पिछले साल मुख्यमंत्री सड़क अधोसंरचना में निगम को ५ करोड़ मिले थे, इससे सड़क सुधारी गई थी।
– एक साल में कई मार्ग एेसे हैं जो सुधरने के बाद भी खराब हो गए, इनकी देखरेख कोई नहीं कर रहा।
– सड़कों का मेंटेनेंस नहीं होने से शहरवासियों व अन्य राहगीरों को गड्ढों के बीच आवागमन करना पड़ रहा है।
इन सड़कों के हैंडओवर होने में पेंच
– पुलिस लाइन से इंजीनियरिंग कॉलेज मार्ग, जो इंदौर रोड तक आता है।
– कोयला फाटक से मकोडि़याआम नाका तक का मार्ग।
– फ्रीगंज के ९ मार्गों में से ४ मार्ग, ५ पहले हस्तांतरित हो चुके।
– इंदौरगेट से लेकर अंकपात मार्ग तक की सड़क।
– नानाखेड़ा बस स्टैंड मार्ग व आरटीओ तिराहा से भरतपुरी मार्ग।
– नृसिंह घाट ब्रिज से भूखी माता मार्ग।
– ब्रिज से लेकर चिंतामण गणेश मंदिर।
– जयसिंहपुरा से चारधाम मंदिर तक का मार्ग।
– इसके सहित अन्य कुछ सड़के हैं जिनके मेंटेनेंस को लेकर उलझन हंै।
इनका कहना
सड़क हस्तांतरित करने की विधिवत प्रक्रिया है। कोई पत्र जारी करने से यह नहीं हो जाता। उच्च अधिकारियों को भी इस मामले में जानकारी दी है। विधिवत हस्तांतरण नहीं लेने तक उक्त सड़कों का मेंटेनेंस हम नहीं कर सकते। क्योंकि हमारे पास वैसे ही पूरे शहर के मार्ग हैं। उनका २० सितंबर से रखखाव कराना है।
– प्रतिभा पाल, निगमायुक्त
मैने हाल ही में ज्वाइन किया है। प्रारंभिक रूप से प्रकरण जानकारी में आया है। सिंहस्थ में पीडब्ल्यूडी ने उक्त सड़कें बनाई जरूर थीं, लेकिन वो सब हंै निगम की ही। अधिकांश में तीन साल का गारंटी पीरियड था जो खत्म हो चुका। वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर मामले में यथोचित कार्रवाई करेंगे।
एएस रघुवंशी, कार्यपालन यंत्री, पीडब्ल्यूडी