उज्जैनPublished: Feb 23, 2019 12:43:40 am
Gopal Bajpai
वर्षों बाद पूरा हुआ दलित वर्ग के दूल्हों का घोड़ी पर जुलूस निकालने का सपना
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महिदपुर. ग्राम झारडा के पास ग्राम रुदाहेड़ा में दलित मामा-भांजे की बारात का चल समारोह पुलिस व प्रशासनिक अमले के साथ कड़ी सुरक्षा में निकला। गांव के देवीलाल मालवीय को आशंका थी कि सवर्ण लोग 17 फरवरी को मेरे भाई दिनेश तथा भांजे संदीप की बारात का जुलूस नहीं निकालने देंगे। देवीलाल ने थाना झारड़ा में टीआइ एमएल मीणा को शिकायती आवेदन दिया गया था। मीणा ने वरिष्ठ कार्यालय को पूरे मामले से अवगत करवाया, साथ ही तीन दिन तक लगातार गांव में पहुंचकर चर्चा करते हुए समझाइश दी गई। इसी बीच कांग्रेस नेता नागूलाल मालवीय ने परिजन के साथ एसपी सचिन अतुलकर के समक्ष उपस्थित होकर चल समारोह निकाले जाने की गुहार लगाई। अतुलकर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी को हिदायत दी थी कि शिकायतकर्ता देवीलाल के भाई व भांजे की बारात गांव में हर हाल में निकलना चाहिए। घटनाक्रम की गंभीरता को समझते हुए तहसीलदार राजेंद्रसिंह गुहा, एसडीओपी धर्मराज सूर्यवंशी, राघवी थाना प्रभारी उमेशसिंह बोराना, झारडा थाना प्रभारी मनोहरलाल मीणा भारी बल के साथ तैनात हो गए। पुलिस की मौजूदगी में दोनों दूल्हे दिनेश और संदीप को घोड़ी पर बैठाकर गांव में बारात निकाली। इस तरह पहला अवसर था जब किसी दलित की बारात का चल समारोह घोड़ी पर बैठकर गांव में बैंडबाजे के साथ धूमधाम से निकाला गया हो।
रुदाहेड़ा के देवीलाल मालवीय ने शिकायत कर बताया था कि बारात निकालने को लेकर सवर्ण लोगों द्वारा विरोध किया जा सकता है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार पुलिस बल तैनात किया था तथा शांतिपूर्ण तरीके से दोनों दूल्हों की गांव में बैंड-बाजों के साथ बारात घोड़ी पर बैठाकर निकलवाई।
मनोहरलाल मीणा, थाना प्रभारी झारडा
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पुलिस सुरक्षा में निकली दलित के बेटे-बेटी की घोड़ी पर बनोरी
आगर-मालवा. कोतवाली थाना की पिपलोन चौकी के अंतर्गत ग्राम फतेहगढ़ में शुक्रवार को पुलिसबल की मौजूदगी में दलित परिवार के बेटे एवं बेटी की बनोरी निकाली गई। गांव में प्रभावशाली लोगों के खौफ की वजह से भयभीत दलित परिवार ने एसपी मनोजकुमार श्रीवास्तव को आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की थी, जिस पर एसपी ने संबंधित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई और पुलिस की मौजूदगी में बनोरी निकाली गई।
ग्राम फतेहगढ़ निवासी अजा वर्ग के केशरलाल अजमेरिया के पुत्र रमेश एवं पुत्री पूजा का विवाह शुक्रवार को सम्पन्न होना था। पुत्र रमेश की बारात उज्जैन के लिए रवाना होनी थी और पुत्री पूजा के लिए बारात आगर से जाने वाली थी। इस पूर्व निर्धारित वैवाहिक आयोजन के संबंध में जब केशरलाल को कुछ दिन पूर्व सूचना मिली कि यदि उसने अपने पुत्र-पुत्री की बनोरी घोड़ी पर सवार कर निकाली तो गांव में विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है। इस पर केशरलाल एवं अन्य समाजजनों ने एक आवेदन एसपी के समक्ष प्रस्तुत कर सुरक्षा की मांग की थी। एसपी के निर्देश पर शुक्रवार को संबंधित परिवार को सुरक्षा उपलब्ध कराई गई और एसडीओपी एसआर पाटीदार, डीएसपी प्रियंका करचाम, कोतवाली थाना प्रभारी अजीत तिवारी, चौकी प्रभारी मय पुलिसबल निर्धारित समय पर गांव पहुंच गया। पुलिसबल की मौजूदगी में रमेश एवं पूजा को घोड़ी पर सवार कर बनोरी निकाली गई। पूरे गांव में ढोल-ढमाको के साथ जुलूस निकला। दूल्हा-दुल्हन के पीछे रिश्तेदार व परिजन चल रहे थे। सुरक्षा के रूप में पुलिसबल भी चल रहा था। रात्रि में यहां आगर से आई बारात का भी स्वागत किया गया और दूल्हे का जुलूस घोड़ी पर निकाला गया।
पहली बार निकली घोड़ी पर बनोरी
ग्राम फतेहगढ़ में यह पहला वैवाहिक आयोजन है जब किसी दलित परिवार के बेटे-बेटियों की बनोरी घोड़ी पर निकली हो। इससे पहले कभी भी इस प्रकार का आयोजन इस गांव में नहीं हुआ था। पहला आयोजन होने के कारण विवाद की आशंका को देखते हुए ही परिजनों ने पुलिस से मदद मांगी गई थी।
ग्राम फतेहगढ़ निवासी केशरलाल ने अपने पुत्र-पुत्री के विवाह में घोड़ी से बनोरी निकाले जाने के संबंध में एक आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की गई थी। गांव में किसी भी तरह की विवाद की स्थिति नहीं है। एहतियातन पुलिस बल की मौजूदगी में आयोजन हुआ है।
अजीत तिवारी, कोतवाली थाना प्रभारी