scriptदो माह पहले बनी लाखों की सडक़ को खोदकर किया जा रहा क्षतिग्रस्त | Damages being done by digging the roads of millions of people created | Patrika News

दो माह पहले बनी लाखों की सडक़ को खोदकर किया जा रहा क्षतिग्रस्त

locationउज्जैनPublished: May 25, 2019 12:38:24 am

Submitted by:

Mukesh Malavat

कंपनी के कर्मचारियों का कहना- नलों में प्रेशर कम होने की शिकायत पर वॉल्व लगाने के लिए खोदी जा रही सडक़

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नागदा. शासकीय संपत्ति का दुरूपयोग किस प्रकार किया जाना है इसका ताजा उदाहरण पेयजल लाइन डालने वाली कंपनी ने पेश किया है। दरअसल शहर के सुभाष मार्ग पर बीते दिनों राइजिंग लाइन व सडक़ निर्माण का कार्य पूरा किया हुआ था, लेकिन अब लाइन बिछाने वाली कंपनी द्वारा दोबारा लाखों रुपए की सडक़ को खोदा जा रहा है। रहवासियों द्वारा पूछे जाने पर कंपनी के कर्मचारियों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि नलों में प्रेशर कम होने की शिकायत मिली थी, जिसके लिए दोबारा सडक़ को खोदा जा रहा है। बीते वर्ष तत्कालीन सीएमओ भविष्य कुमार खोब्रागढ़े ने निर्देश जारी किए थे, कि सडक़ निर्माण के बाद यदि कोई सडक़ पर खुदाई कर नुकसान पहुंचाता है, तो उस पर जुर्माना किया जाएगा। निर्देश में इस रहवासियों को नल कनेक्शन जल्द लेने की बात पर भी दबाव दिया गया था, जिसमें बताया था कि यदि शहरवासी सडक़ निर्माण के पूर्व नल कनेक्शन नहीं लेंगे तो उन्हें पांच साल तक इंतजार करना पड़ सकता है।
क्या है परेशानी
दरअसल चर्च रोड से चेतनपुरा तक नगर पालिका द्वारा लाखों रुपए की लागत से बीते दिनों सडक़ निर्माण कार्य किया गया था। निर्माण हाल ही में हुआ है। परेशानी यह है कि पाइप लाइन का बिछाने वाले कंपनी द्वारा सडक़ निर्माण के पूर्व क्षेत्र में पेयजल लाइन का वितरण किया गया था। वितरण के बाद पेयजल सप्लाय भी किया जाने लगा। लेकिन परेशानी तब खड़ी हुई जब नलों में प्रेशर कम आने लगा। आनन-फानन में पाइप लाइन बिछाने वाली कंपनी द्वारा वॉल्व लगाने के लिए कई स्थानों पर गड्ढों को खोदकर सडक़ को क्षति पहुंचाई जा रही है।
राहगीर परेशान
क्षेत्रवासियों को पेयजल व अधिक प्रेशर की सुविधा देने के उद्देश्य से कंपनी द्वारा वॉल लगाए जाने की कवायद काफी हद तक उचित है, लेकिन मार्ग पर किए जा रहे कार्य में हो रही लेतलाली क्षेत्र से गुजरने वाले राहगीरों के लिए दुर्घटना का सबब बन रहे है। मार्ग पर रात्रि के दौरान कई बाइक सवार गड्ढे में गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
पूर्व में वॉल्व क्यों नहीं लगाए गए, इस संबंध में इंजीनियर को भेजकर संबंधित से मामले की रिपोर्ट मंगवाई जाएगी।
सतीश मटसेनिया, सीएमओ

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