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शाजापुर की रपट…खतरा खत्म होगा यदि ये करें

जान जोखिम में डालकर महूपुरा रपट पार करते हैं शाजापुरवासी

उज्जैनSep 30, 2019 / 12:27 am

rajesh jarwal

जान जोखिम में डालकर महूपुरा रपट पार करते हैं शाजापुरवासी

शाजापुर. परीक्षा के समय विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो गई, सीजन में व्यापारियों का कारोबार ठप हो गया। जान जोखिम में डालकर बच्चे, बुजुर्ग पुलिया पार करते रहे तो कोई खतरेभरे मार्ग हाइवे से सफर करने पर मजबूर हो गया। लोगों को हजारों रुपए का नुकसान भी हुआ, लेकिन जिम्मेदारों ने कोई सुध नहीं ली। ये हाल शाजापुर में बारिश के उन 30 दिनों का है, जब चीलर नदी उफान पर थी। शहर दो हिस्सों में बंट गया और हर वर्ग परेशान होता रहा, लेकिन कभी चीलर नदी पर बड़ा पुल बनाने की कोई योजना ही नहीं बनी। इससे परेशानी व्यापारी और स्कूली छात्रों को अधिक उठाना पड़ी। अब लोग महूपुरा रपट पर बड़ा पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, ताकि बारिश के दिनों में होने वाले जान जोखिम से छुटकारा मिल सके। हालांकि जिम्मेदार इस ओर क्या कदम उठाएंगे ये देखने वाली बात होगी। इसके पहले परेशान लोगों ने नगर पालिक और प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्या भी बताई है।
महूपुरा रपट सहित कई पुलों पर अधिक पानी होने पर रास्ता बंद हो गया। बारिश से अनेक ग्रामों से संपर्क टूट गया, रास्ते बंद हो गए। चीलर नदी पर ७ करोड़ की लागत से सौंदर्यीकरण हो रहा है। नदी के दोनों घाट बनाने के लिए बनाई गई दीवार और भराव से क्षेत्र में जलभराव की स्थिति बनी रही। कुम्हारवाड़ा घाटी क्षेत्र तक पानी भरा रहा। लोग मांग कर रहे हैं कि महुपुरा रपट पर ऊंचा पुल बनना ही चाहिए। एक रपट-
एक्सपर्ट व्यू : पुल बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए
यहां मीडियम ब्रिज बन सकता है। महूपुरा रपट पर ब्रिज की ऊंचाई अधिक नहीं रखी जा सकती, क्योंकि यहां दोनों ओर आबादी है। ब्रिज की ऊंचाई मध्यम हो सकती है, जिससे बारिश में भी लोगों को आवागमन चालू रहे। अभी पुलिया काफी नीचे है, जिससे जल्द ही पानी ऊपर आ जाता है। मीडियम ब्रिज पर पानी की निकासी के लिए अधिक जगह छोडऩे पर मार्ग बंद होने की संभावना नहीं है। यहां ब्रिज बनने की संभावना है।
– रविंद्रकुमार वर्मा, ईई लोक निर्माण विभाग
14 लोग डूबे… पुल पार करने में हुए हादसे
जिले में इस बार बारिश के दौरान १४ लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है। इनमें ज्यादातर पुल-पुलियाओं को पार करने वाले शामिल हैं, चीलर नदी पर महूपुरा रपट और बादशाही पुल के समीप बनी छोटी पुलिया पर प्रतिदिन लोगों को आवागमन रहता है। अपनी जरूरतों, काम-काज के लिए यहां लोग जोखिम भरा रास्ता पार करते पूरी बारिश देखे गए। कई बार लोग बहते-बहते बचे तो कभी कोई गाड़ी फंस गई, लेकिन शार्टकट के चलते लोगों को पुलिया से निकलना जारी रहा। ऐसे में विद्यार्थियों को भी काफी परेशान उठाना पड़ी। पूरी बारिश ही लापरवाही वाला सफर देखा गया।
जनता की आवाज : व्यापारी, विद्यार्थियों और रहवासियों ने की मांग, नया पुल बनने से होगा शहर को लाभ
नदी पार के अनेक मरीज दवाई लेने नहीं पहुंच सके। व्यापारियों के साथ परेशानी स्कूली बच्चों और उनके परिजनों को उठाना पड़ी। ये परेशानी हर साल बनती है, लेकिन पुल को ऊंचा नहीं किया जा रहा है। हमारी मांग है कि पुल की ऊंचाई बढ़ाई जाए, ताकि बारिश में लोगों को परेशानी न हो।
– संजय कुमार गुप्ता, मेडिकल संचालक
महूपुरा रपट पर पानी होना मतलब व्यापार ठप। सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, लेकिन पुल की ऊंचाई नहीं बढ़ाई जा रही है। अधिक पानी होने से व्यापार ३० दिनों तक ठप रहा। हाट बाजार वाले दिन भी ग्राहकी नहीं सके। समस्या को लेकर कलेक्टर व नपा सीएमओ को आवेदन भी दिया है। पुल की ऊंचाई बढ़ाएं।
– सतीश राठौर, व्यापारी
पुलिया पर पानी रहने से आने-जाने में बहुत परेशानी हुई। स्कूटी से हाइवे पर निकलने से दुर्घटना का डर रहता है। पुलिया से कुछ लोग निकल रहे थे, तब बेटी के साथ मैं भी निकली तो बहने का डर लगने लगा। कुछ लोगों ने हमें नदी पार कराई। हम तो एक छोर पर बंधकर रह गए। जल्द यहां बड़ा पुल बनना चाहिए, जिससे राहत मिले।
रूबीना खान, राहगीर
पुलिया के सिरे छोटे होने और पानी निकासी नहीं होने से दुकान में पानी जमा हो गया। जिससे २० हजार रुपए का नुकसान हुआ और राखी का सीजन भी नहीं कर पाए। जब भी पुलिया पर पानी रहता है, दुकान बंद करना पड़ती है। जब तक यहां बड़े पुल का निर्माण नहीं होता, परेशानी खत्म नहीं होगी।
अब्दुल रज्जाक, रेडिमेड व्यवसायी
पुलिया के ऊपर पानी रहने पर घरवाले जाने से मना करते हैं, इसलिए परीक्षा के समय भी कोचिंग नहीं जा पाए। हमारी तैयारी नहीं हो पाई। ऑटो वाला भी बड़े पुल से लाने के १०० रुपए लेता है, इसलिए बारिश में कोचिंग नहीं गए। यहां बड़ा पुल बनना चाहिए, जिससे आवागमन सुगम हो और लोगों को जान का जोखिम न लेना पड़े।
रेहान खान, विद्यार्थी कक्षा ९वीं
परीक्षा चल रही थी, लेकिन नदी पर पानी होने पर हम कोचिंग नहीं जाते थे। जिससे परीक्षा की कोई तैयारी नहीं कर पाए। पुल पर पानी रहता था, जिससे हमें डर लगता है, बड़े पुल पर बड़े वाहन निकलते हैं, वहां से जान जाने का डर लगता है। यहां पुल बड़ा होता तो हमें कोई परेशानी नहीं होती। इससे शहर का विकास ही होगा।
मनीष मंडोर, विद्यार्थी कक्षा ९वीं
महूपुरा रपट पर बड़े पुल की आवश्यकता तो है, बारिश में परेशानी भी होती है। परिषद में बड़े पुल के लिए विचार रखेंगे जाएंगे। पुल निर्माण से अन्य परेशानी न हो इस पर भी ध्यान देना होगा। इसको लेकर प्रशासन से भी बात की जाएगी।
– भूपेंद्रकुमार दीक्षित, सीएमओ नगर पालिका शाजापुर

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