scriptइस शहर से दूर हो गया मौत का साया | Death falls away from this city | Patrika News

इस शहर से दूर हो गया मौत का साया

locationउज्जैनPublished: Oct 09, 2019 05:48:28 pm

Submitted by:

Mukesh Malavat

20 साल पुरानी मांग पूरी, अनेकों ने समेटे हैं अपनों के शव, आगे कम होंगी दुर्घटनाएं

Death falls away from this city

20 साल पुरानी मांग पूरी, अनेकों ने समेटे हैं अपनों के शव, आगे कम होंगी दुर्घटनाएं

शाजापुर. कभी किसी त्योहार की खुशी, कहीं शादी जश्न को मातम में बदलने, किसी बच्चे से पिता का साया तो किसी बहन से भाई का जुदा होना, किसी ने जवान बेटे के बिखरे जिस्म को समेटा तो कभी खून से सनी सडक़े और अपनों की खीच पुकार, असमय मौत की काली छाया…। अब तक शहर से निकला नेशनल हाइवे शहरवासियों को देता आया था। एक-दो दिन नहीं करीब 20 सालों से अधिक समय से ऐसी अनेकों दुर्घटाए इस हाइवे ने देखी हैं। तब से ही शहर के लोग हाइवे के इस खौफ से भयभीत हैं, लेकिन अब वर्षों पुरानी मांग पूरी हो चुकी है। शहर से निकलने वाले हजारों वाहन शहर में नहीं आ रहे हैं, जिससे दुर्घटनाएं कम होंगी। लोगों की जान बचेगी तो घर में खुशहाली रहेगी, लेकिन जिन लोगों को इस हाइवे ने दर्द दिया, वह इसे कैसे भुलाए, अब वह सिर्फ यही कामना करते हैं कि ऐसा हादसा किसी के साथ न हो।
शहर से निकले हाइवे से वाहनों की रफ्तार रोकने के लिए शहरवासियों को लंबा संघर्ष करना पड़ा है, गुस्साएं शहरवासियों कभी जाम लगाकर तो कभी ज्ञापन देकर, कभी धरना देकर जिम्मेदारों को चेताते रहे। हर पैमाने पर बायपास की मांग करते आए। आखिर अब शहरवासियों के लिए खुशी दिन आ गया। अब हाइवे पर गुजरने वाले हजारों भारी वाहन बायपास से ही निकलेंगे, जिससे शहर में वाहनों का दबाव कम होगा और दुर्घटनाएं कम होगी, जिससे असमय किसी घर का चिराग नहीं बुझेगा।
2002 में बड़ा आंदोलन, कफ्र्यू भी लगा था
शहरी हाइवे पर दुर्घटनाओं का सिलसिला सालों से चला आ रहा है। शहर में होने वाली दुर्घटनाएं वर्ष 2002 की याद ताजा कर देती है। तब स्कूली छात्र को ट्रक ने कुचल दिया था, जिसके बाद शहरवासी आक्रोशित हो गए थे और शांति भंग हो गई थी। इस दौरान कलेक्टर की गाड़ी पलटने के साथ ही बस, ट्रक सहित आधा दर्जन वाहनों में आग लगा दी थी, स्थिति यह बन गई थी कि प्रशासन को शहर में कफ्र्यु लगाना पड़ा था। 17 साल पहले हुए इस हादसे के बाद बायपास की मांग भी तेजी से उठने लगी थी, तब से अब तक शहर में दुर्घटनाओं को दौर जारी रहा। पायपास लगभग पूर्ण होने के बाद 5 अक्टूबर से पूर्ण रूप से वाहन डायवर्ट होने लगे।
इसी साल इन दुर्घटनाओं ने कंपकपंा दिया
माता-पिता और बेटी की एक साथ मौत
24 अपै्रल 2019 उज्जैन के गायत्री नगर निवासी राकेश शर्मा पिता ओमप्रकाश शर्मा (40), उनकी पत्नी बबीता शर्मा (30), बेटा अक्षत शर्मा (14) और बेटी अक्षिता शर्मा (7) बाइक पर सवार होकर उज्जैन से शाजापुर शादी में शामिल होने आ रहे थे। तभी आगरा-मुंबई मार्ग पर दुपाड़ा तिराहे के पास तेज रफ्तार आ रहा ट्रक असंतुलित हो गया। बाइक सवार तीन लोगों को कुचल दिया। बाइक सवार पति राकेश शर्मा, पत्नी बबीता और बेटे अक्षत की मौके पर ही मौत हो गई। दुर्घटना में 7 साल की बालिका अक्षिता की बाइक से दूर फिंकने से जान बच गई।
दादा-दादी के साथ 10 वर्षीय पौते की मौत
27 मई 2018 को हाईवे पर बापू की कुटिया के समीप सडक़ हादसे में दादा-दादी व 10 वर्षीय पोते की मौत हो गई थी। यह हादसा इतना भीषण था कि तीनों के शव कई हिस्सों में बंट गए थे। तीनों मृतकों के टुकड़ों में बंटे शवों को चादर की पोटली में लेकर जाना पड़ा था। मृतक कैलाशचंद्र उनकी पत्नी श्यामूबाई और 10 साल का पोता केतन पिता अनिल भी उज्जैन के रहने वाले थे। जो अकोदिया से उज्जैन जा रहे थे। शहरी हाईवे पर पाइप से भरा ट्राला निकलते समय अनियत्रिंत होकर बाइक सवार पर ही पलट गया। ट्राले में लदे पाइप इन पर से होकर गुजर गए, जिससे तीनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था।
पिता ने बटोरे बेटे के टुकड़े
29 सितंबर 2019 की रात्रि कोभी ह्रदय विदारक घटना सामने आई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्रसिंह सेंगर के पुत्र संजय सेंगर की सडक़ हादसे में मौत हो गई। सेंगर ट्रेवल्स के मालिक अपने वाहनों को देखने के लिए बाइक पर सवार होकर जा रहे थे, तभी गड्ढों से बचने की मशक्कत संजय सेंगर ट्रक की चपैट में आ गए। पीछे ही आ रहे पिता महेंद्र सेंगर दुर्घटना देखी और हिम्मत दिखाते हुए बेटे के टुकड़े बटोरे और अस्पताल पहुंचाया। इस हादसे के बाद एक बार फिर शहर में बायपास चालू करने की मांग ने जोर पकड़ा और हादसे के पांच दिन बाद आमजनों की मांग पर शहरी हाईवे से भारी वाहनों को बायपास पर डायवर्ट करना शुरू हुआ। 5 अक्टॅबर से बायपास मार्ग पूरी तरह से चालू कर दिया गया।
दुकान से घर नहीं पहुंच सके
18 जनवरी 2019 को शहर के विजयनगर निवासी जगदीशप्रसाद (58) रोज की तरह टंकी चौराहा स्थित अपनी ऑटो पाट्र्स की दुकान से एक्टिवा स्कूटर पर सवार होकर घर जा रहे थे। जब वह आईटीआई के सामने पहुंचे, ट्रक की चपैट में आ गए। वह कभी घर नहीं पहुंच सके। यह दुर्घटना इतनी भयावह थी कि देखने वालों के रौंगते खड़े हो गए थे। दुर्घटना में श्रीवास्तव का सिर पूरी पहिये की चपैट में आ गया था। जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी।

—————

ट्रेंडिंग वीडियो