चांदी के सिक्के भेंट किए
दीपावाली के पहले धनतेरस अवसर पर महाकाल मंदिर में परंपरानुसार कलेक्टर व अन्य अधिकारियों ने विधिवत दूध, जल, बिल्व पत्र, चंदन आदि अर्पित कर पूजन किया। इस मौके पर उपप्रशासक आशुतोष गोस्वामी, सहायक प्रशासक चंद्रशेखर जोशी, मूलचंद जूनवाल, सुरक्षा अधिकारी रूबी यादव, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी आदि उपस्थित थे।
परंपरानुसार भगवान महाकाल मंदिर में रूप चतुर्दशी के दिन तड़के भस्म आरती में दिवाली मनाई जाती है। महेश पुजारी के अनुसार 27 अक्टूबर को तड़के ४ बजे भगवान को गरम जल से स्नान कराने का क्रम शुरू होगा। यह क्रम फाल्गुन मास की पूर्णिमा तक चलेगा। पुजारी परिवार द्वारा भगवान को केसर, चंदन से निर्मित उबटन के साथ सुगंधित द्रव्यों से अभ्यंग स्नान कराया जाएगा। सोने-चांदी के आभूषण धारण कराने के बाद नवीन वस्त्र पहनाए जाएंगे। इसके पश्चात अन्नकूट लगाकर फूलझड़ी से आरती होगी। महाकाल में देव दीवाली देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त उमड़ेंगे।