कौन से प्रोजेक्ट
शहर में विकास से जुड़े दो प्रमुख प्रोजेक्ट है। एडीजे न्यायालय के लिए नवीन भवन व दूसरा कन्या कॉलेज भवन का है। हालांकि शहर में यह दो कार्य प्रारंभ हो गए है, लेकिन वर्तमान में दोनों अस्थाई रुप से अन्य विभाग के कार्यालय में संचालित हो रहे है। एडीजे न्यायालय प्रथम श्रेणी के भवन में तो कन्या महाविद्यालय शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जवाहर मार्ग के भवन में संचालित हो रहा है। दोनों विभाग के पास स्वयंम का भवन नहीं होने से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रस्ताव हो चुके निरस्त
शहर में कन्या महाविद्यालय के पहले प्रशासन ने चंबल नदी किनारे फलहारी बाबा के आश्रम के समीप जमीन चिह्नित की थी। इस जमीन का प्रस्ताव भी बनकर तैयार हो गया था। यहा तक प्रशासन ने भूमि पूजन की तैयारी भी कर दी थी, वहां जमीन को समतल भी कर दिया गया, लेकिन सुरक्षा को लेकर उक्त स्थान का प्रस्ताव प्रथम चरण में खारिज कर दिया गया। चूकि यह स्थान एकांत में और शहर से बाहर है। इसी प्रकार एडीजे न्यायालय के लिए कृष्ण जिनिंग फैक्ट्री परिसर की जमीन देखी गई थी।१३ अक्टूबर २०१७ को शहर में हुए अभिभाषक संघ के शपथ-ग्रहण समारोह में अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश बीके श्रीवास्तव ने कहा था कि नागदा में न्यायालय भवन निर्माण के लिए दो स्थलों का चयन किया गया है, जिसमें से कृष्णा जिनिंग फैक्ट्री की भूमि काफी उपर्युक्त मानी जा रही है, लेकिन ग्राम एव निवेश विभाग ने उक्त जमीन पर न्यायालय के लिए मना कर दिया।
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
शहर में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने की थी। वर्ष२०१४ में शहर में कन्या महाविद्यालय प्रारंभ हो गया। उच्च शिक्षा विभाग ने महाविद्यालय कन्या उमा विद्यालय के तीन कमरों में संचालित करना प्रारंभ कर दिया, लेेकिन अभी तक महाविद्यालय का भवन नहीं बना है। जिस कारण महाविद्यालय में महज बीए पाठ्यक्रम ही संचालित हो रहा है। जिसमें १८० छात्राएं है। शहर में एडीजे न्यायालय की मांग कई वर्षों से उठ रही थी। ०७ मई २०१७ को शहर में एडीजे न्यायालय भी प्रारंभ हो गई, लेकिन वर्तमान में न्यायालय को प्रथम श्रेणी न्यायालय के पुराने भवन में संचालित किया जा रहा है।
” इंगोरिया रोड पर स्थित धर्मस्व विभाग की जमीन को अधिग्रहण करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। यदि जमीन मिल जाती है तो वहां पर एडीजे न्यायालय या फिर कन्या महाविद्यालय संचालित किया जाएगा। महाविद्यालय के चंबल नदी किनारे जो जमीन देखी है वह सुरक्षा के हिसाब से उचित नहीं है।”
– रमेश सिसौदिया, तहसीलदार, नागदा