प्रदेश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 मामले सामने आए हैं, जिनमें से दो मरीज उज्जैन जिले के हैं। दोनो महिला मरीज थे, जिनमें से एक की मौत संक्रमण के कुछ दिन बाद ही हो गई थी। इसे डेल्टा प्लस वैरिएंट से प्रदेश में हुई पहली पुष्ट मौत माना जा रहा है। दरअसल मई में जब बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण लोगों को चपेट में ले रहा था, उस दौरान ऋषिनगर निवासी 59 वर्षीय महिला व घट्टिया निवासी एक अन्य महिला भी कोरोना संक्रमित पाई गई थीं।
हाल ही में कुछ मरीजों के जिनोम रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें उक्त दोनों मरीजों के सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया है। यह जानकारी सामने आने के बाद हलचल मच गई। मरीजों की जानकारी निकालने पर पता चला कि ऋषिनगर निवासी महिला मरीज की संक्रमण के चलते पहले ही मौत हो चुकी है वहीं दूसरी महिला स्वस्थ है। प्रदेश व जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज मिलने के बाद इसे तीसरी लहर के खतरे से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
17 मई को पॉजिटिव, 23 को मौत
ऋषिनगर निवासी 59 वर्षीय महिला 17 मई प्रभारी डॉ. रौनक एलची ने बताया, 20 मई को उक्त महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। 23 मई को महिला की मौत हो गई थी हाल ही में प्राप्त जिनोम रिपोर्ट में महिला डेल्टा प्लस वैरिएंट होने की पुष्टि हुई है। महिला ने वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लिया था।
महिला के संक्रमित होने से करीब 15 दिन पहले उनके पति भी कोरोना संक्रमित हो चुके थे। पति के स्वस्थ होने के बाद महिला संक्रमित हुई थीं। उक्त महिला के अलावा मई में ही घट्टिया के नजदीक स्थित गांव की एक अन्य महिला भी कोरोना संक्रमित हुई थी। उक्त महिला की जिनोम रिपोर्ट में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया है। ग्रामीण महिला संक्रमण पूर्व वेक्सीनेट थी और वर्तमान में पूरी तरह स्वस्थ है।
तेजी से फेफड़े खराब करता है डेल्टा प्लस
चिकित्सकों के अनुसार डेल्टा प्लस वैरिएंट के कारण संक्रमित मरीजों में कोरोना के अन्य मरीजों की तुलना में अलग से कोई लक्षण नहीं होते। मसलन मौटे तौर पर लक्षण के आधार पर वैरिएंट का पता नहीं लगाया जा सकता है लेकिन ऐसा पाया जा रहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट लंग्स को तेजी से संक्रमित करता है।
डॉ. रौनक एलची ने बताया, यह सिवियर वेरियस है। मृत महिला तत्कालीन सीटी स्कैन रिपोर्ट देखने पर पता चला है कि पॉजिटिव पाए जाने के कुछ दिन बाद ही उनके लंग्स करीब 95 प्रतिशत प्रभावित हो चुके थे। कोविंड जिला नोडल अधिकारी डॉ. एचपी सोनानिया ने बताया कि इस वैरिएंट के प्रथक कोई लक्षण नहीं है लेकिन यह दो-तीन दिन में ही फेफड़ों को तेजी से संक्रमित कर देता है।