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चुनावी चर्चा : लोकसभा में जीतने वाले प्रत्याशी से विकास की उम्मीदें

locationउज्जैनPublished: Mar 11, 2019 11:27:16 am

Submitted by:

Lalit Saxena

पूरे विकासखंड में समान रूप से बहे विकास की बयार, क्षेत्र भी हो जाए सर्वसुविधायुक्त

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नागदा. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर शहर के मतदाताओं के बीच चुनावी चर्चा शुरू हो गई है। शहर के सभी वर्गों को आने वाले लोकसभा में जीतने वाले प्रत्याशी से विकासखंड के विकास की उम्मीदें हैं। खासकर महिला वर्ग को महिलाओं का तर्क है कि क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर विकास तो हुए, लेकिन पूरे विकासखंड नागदा-खाचरौद की बात की जाए तो कुछ खास विकास हाथ नहीं लग सका। लोकसभा चुनावी चर्चा को लेकर पत्रिका की अगुवाई में दयानंद कॉलोनी स्थित राठौर धर्मशाला में महिलाओं ने चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान पत्रिका के चेंजमेकर भी मौजूद रहे। क्षेत्र में बढ़े इंजीनियर कोर्स के अवसर-राठौड़ समाज की महिलाओं ने चर्चा के दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज की कमी को साझा की। महिलाओं का तर्क है कि शहर में इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं होने से क्षेत्र के बच्चों को उज्जैन व इंदौर आश्रित होना पड़ता है। इतना ही नहीं शहर में दो शासकीय कॉलेज हैं, जहां पर भी पर्याप्त मात्रा में पोस्ट ग्रेजुएशन संबंधित कोर्स नहीं हैं। लिहाजा लोकसभा चुनाव में जीतने वाले प्रत्याशी को स्थानीय स्तर पर इंजीनियर कॉलेज या उससे संबंधित कोर्स शहर भेजे जाने के लिए प्रयास करना होगा।

 

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यह बोलीं महिलाएं
शिक्षिका उर्वशी राठौर ने चर्चा में बताया कि क्षेत्र में किसी भी पार्टी का प्रत्याशी लोकसभा चुनाव में विजय प्राप्त करे। लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया जाना चाहिए। किसी भी क्षेत्र की नींव वहां पर मौजूद शिक्षा व्यवस्था पर ही निर्भर करती है।
– उर्वशी राठौर, शिक्षिका

स्नातक या स्नातकोत्तर करने के बाद शहर की युवतियों को यदि जॉब करना हो तो उन्हें स्थानीय स्तर पर कोई भी रोजगार के अवसर नहीं मिल पाते। जीतने वाले प्रत्याशी को स्थानीय स्तर पर युवतियों के लिए रोजगार मुहैया करवाना चाहिए।
– जागृति राठौर, गृहिणी

स्थानीय स्तर पर विकास तो हुए, लेकिन पूरे विकासखंड नागदा-खाचरौद की बात की जाए तो खास विकास हाथ नहीं लगा। कार्यों के साथ शहरवासियों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए।
– रीना राठौर, गृहिणी

राठौड़ समाज की महिलाओं ने चर्चा के दौरान इंजीनियरिंग कॉलेज की कमी को साझा की। महिलाओं का तर्क है, कि शहर में इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं होने से क्षेत्र के बच्चों को उज्जैन व इंदौर आश्रित होना पड़ता है।
– किरण राठौर, गृहिणी

शहर में दो शासकीय महाविद्यालय है, जहां पर भी पर्याप्त मात्रा में पोस्ट ग्रेजुएशन संबंधित कोर्स नहीं है। लिहाजा लोक सभा चुनाव में जीतने वाले प्रत्याशी को स्थानीय स्तर पर इंजीनियर कॉलेज या उससे संबंधित कोर्स शहर भेजे के लिए प्रयास करना होगा।
– रानू राठौर, गृहिणी

शहर में अभी काफी चोरियां हुईं। वैवाहिक सीजन में घर सूना छोड़कर जाने में भय लगता है। लोकसभा चुनाव के बाद क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था के लिए कड़े कदम उठे। स्थानीय पुलिस थानों में बल की कमी है।
– रीता राठौर, गृहिणी

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