स्वरूप और अधिक निखारने की तैयारी
मंगलनाथ मंदिर का स्वरूप और अधिक निखारने की तैयारी शुरू हो गई है। शिखर के चारों ओर शेड बनाने तथा शिखर को ऊंचा करने की कवायद चल रही है। प्रशासन के निर्देश पर 9.२५ करोड़ की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की है। कलेक्टर ने इसे मंजूरी के लिए संभागायुक्त के पास भेजा है। प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिलने के बाद नए काम शुरू किए जा सकेंगे। सिंहस्थ 2016 के बाद मंगलनाथ मंदिर में दोबारा विकास कार्य की तैयारी प्रशासनिक स्तर पर शुरू हो गई है। इस बार विकास कार्य का जिम्मा यूडीए को सौंपा गया है।
मंगलनाथ में भी होगा निर्माण
मंगलनाथ मंदिर में दो चरणों में कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें प्रथम चरण मे चारों तरफ खुले भाग में हॉल निर्माण, प्रशासनिक कार्यालय भवन, भात निर्माण कक्ष नवीनीकरण, रेड स्टोन फ्लोरिंग, दुकानों का नवीनीकरण, मंदिर के दक्षिण भाग में नए द्वार का निर्माण, रोड, वाटर सप्लाय लाइन, विद्युतीकरण है। दूसरे चरण में डोम निर्माण लैंड स्केपिंग, स्टोन क्लोडिंग है।
चिंतामण गणेश मंदिर का सौंदर्यीकरण-
मंदिर का परिसर अब परिक्रमा पथ, यज्ञ शाला, विवाह मंडप से अन्य सुविधाओं से परिपूर्ण होगा। चिंतामण गणेश मंदिर शादी-ब्याह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए भी सुविधा संपन्न होगा। धार्मिक स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं विकसित करने के साथ शादी-ब्याह के लिए उचित स्थान उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। चिंतामण गणेश मंदिर में शादी-ब्याह और धार्मिक-मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इसे ध्यान में रखकर चिंतामण गणेश मंदिर के लिए तैयार विकास योजना के लिए करीब 1.५० करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति हो चुकी है। योजना की जिम्मेदारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरइएस) को दी गई है। योजना में परिसर के बाहरी हिस्से को यथावत रखते हुए भीतरी हिस्से में सुविधाएं विकसित की जाएंगी। चिंतामण गणेश मंदिर के विकास के काम ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के माध्यम से होगा।
यह कार्य प्रस्तावित
श्रद्धालुओं के लिए छायादार परिक्रमा पथ, शादी-ब्याह के लिए यज्ञशाला सहित छायादार परिसर, परिसर में संगमरमर का फर्श, पेयजल, बारिश के पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज, नई बिजली व्यवस्था, धर्मशाला बनाई जाएगी। गार्डन, फव्वारे, लॉन के साथ विश्राम स्थल, सौंदर्यीकरण के काम शामिल हैं। पेयजल, पंडितों के लिए शेड, सुविधाघर भी विकसित होंगे। परिसर को अधिकतम ओपन रखा जाएगा, जहां दर्शनार्थी घूम सकेंगे। लक्ष्मण बावड़ी को आकर्षक बनाएंगे। शादी-ब्याह के लिए मैरिज एरिया अलग होगा। दूल्हा-दुल्हन के साथ आने वाले मेहमानों को पेयजल, सुविधाघर जैसी व्यवस्था मिलेगी।