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इ-टेंडर के पोर्टल बंद होने के कारण नहीं हो पाए करोड़ों के विकास कार्य

locationउज्जैनPublished: Feb 02, 2019 01:07:18 am

Submitted by:

Gopal Bajpai

पोर्टल शुरू हुए तो अब डिजिटल साइन के लिए अटका मामला

patrika

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नागदा. विधानसभा चुनावों की आचारसंहिता के प्रभावी होने के बाद से बंद पड़े ई-टेंडर के बंद होने के कारण नगरपालिका इस साल एथेलेटिक्स प्रतियोगिता का आयोजन नहीं कर पाई है। इस कारण शहर के दर्जनों स्कूलों के सैंकड़ों बच्चे इस आयोजन के लिए सालभर तैयारी करने के बावजूद इसमें अपने खेल कौशल का प्रदर्शन करने से वंचित रह गए हैं। नगरपालिका ये आयोजन दिसंबर माह में करती थी, लेकिन आधे से ज्यादा जनवरी माह बीतने के बाद भी पोर्टल चालू नहीं हो पाए थे, और अब जब कुछ दिनों से पोर्टल चालू हुए हैं तो मामला डिजिटल साइन के लिए अटक गया है।
यही कारण है कि एथेलेटिक्स के साथ ही कई सारे विकास कार्यों के टेंडर भी विधानसभा की आचारसंहिता के बाद से अब तक करीब चार माह बीतने के बाद भी नहीं लग पाएं हैं। इस कारण शहर विकास की गति को भी ब्रेक लगा है। ई-टेंंडरों के बंद होने के कारण शहर के आधा दर्जन से अधिक काम भी लालफिताशाही में अटक गए हैं, क्योंकि इन कामों की सारी औपाचरिकताएं पूरी कर टेंडर लगाने थे, लेकिन अब तक टेंडर नहीं लग पाने के कारण ये काम उलझे पड़े हैं। अब अगर ये टेंडर लग भी जाते हैं तो इस बात की संभावना कम ही है कि लोकसभा चुनाव की आचारसंहिता के पहले इन पर काम शुरू हो जाएं, क्योंंकि हर हाल में एक माह के बाद आचारसंहिता मार्च के पहले सप्ताह में किसी भी दिन प्रभावी हो सकती है। इतने कम समय में टेंडर लगाना और फिर उसे पास कर वर्क आर्डर जारी कर काम करवाना इतना आसान नहीं होगा। यही कारण है कि विधानसभा की आचारसंहिता से रुके काम अब शायद ही ये परिषद पूरे कर पाए।
प्रतिभाओं को मिलता था मंच
दरअसल शहर में नपा द्वारा आयोजित की जाने वाली एथेलेटिक्स प्रतियोगिता एक मात्र सरकारी आयोजन था। ये एक मात्र ऐसा आयोजन था जो दो से तीन दिन चलता था और शहर के तमाम विद्यार्थियों के बीच इसमें रोचक मुकाबले होते थे। लेकिन इस बार शहर की इन प्रतिभाओं को अपना हुनर दिखाने का मौका नहीं मिलने से स्कूल संचालक और खिलाड़ी दोनों ही नाराज है।
नाले को अंडर ग्राउंड करने वाला काम भी अटका
इन कामों के साथ एक महत्वपूर्ण काम है, गंदे नाले को अंडर ग्राउंड करने का। ये लगभग 12 करोड़ रुपए की लागत से होने वाला काम था,लेकिन ये काम भी इसी कारण से अटका पड़ा है। अब पोर्टल चालू होने के बाद इस पर होने वाले डिजिटल हस्ताक्षर के लिए काम रुका पड़ा है। यदि ये काम शुरू भी हो जाता है तो भी इस साल ये काम हो जाएगा ये संभव नहीं है, क्योंकि लोकसभा चुनाव और उसके बाद बारिश का सीजन शुरू हो जाएगा। बारिश का सीजन खत्म होते ही नगरपालिका चुनाव को लेकर आचारसंहिता प्रभावी हो जाएगी। लिहाजा अब ये काम संभवत: नई नगर सरकार के गठन के बाद ही संभव हो पाएगा।
नपाध्यक्ष ने मांगी माफी
इस आयोजन को तकनीकी कारणों से नहीं करवाने को लेकर नपाध्यक्ष अशोक मालवीय भी दु:खी हैं। उन्हेांने 26 जनवरी को अपने भाषणों के दौरान शहर के खिलाडिय़ों से इस आयोजन को नहीं कर पाने के कारण माफी भी मांगी थी। मालवीय ने बताया कि नपा इस आयोजन पर होने वाले खर्च के लिए टेंडर आमंत्रित करती थी, लेकिन इस बार पोर्टल बंद होने के कारण टेंडर नहीं बुला पाए और इसी कारण ये आयेाजन नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि दिसंबर-जनवरी तक ये आयोजन हो सकते हैं उसके बाद विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी में लग जाते हैं, लिहाजा इसके बाद ये आयोजन संभव नहीं होते।

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