महाकाल मंदिर समिति द्वारा २५० रु. से विशेष दर्शन का सशुल्क टिकट विक्रय किया जाता है। महाशिवरात्रि पर इसके लिए ७ काउंटर स्थापित किए गए थे। इन काउंटर से मंदिर समिति को ४ लाख १७ हजार रु. प्राप्त हुए है। गत वर्ष की महाशिवरात्रि पर यह आंकड़ा 8 लाख 33 हजार 973 रु. प्राप्त हुए था,जबकि शुल्क मात्र १५१ था। २०१६ में सशुल्क आय १४ लाख रु. थी। आय कम होने के संबंध में मंदिर का कोई भी अधिकारी कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। इसके अलावा इस वर्ष द शिवरात्रि ?ि होने की वजह से श्रद्धालुओं के आगमन की संख्या भी कम ही रहीं।
श्रद्धालुओं की कमी का असर लड्डू पर भी
श्रद्धालुओं की कमी का असर महाकाल मंदिर समिति की ओर से विक्रय किए जाने वाले लड्डू प्रसाद पर भी हुआ है। लड्डू प्रसादी से ०७ लाख 64 हजार 130 रु. की आय हुई है। वर्ष २०१७ में महाशिवरात्रि के दो दिनों में मंदिर समिति को १२ लाख ४३ हजार ५०५ रु. की आय हुई।
पर्व की तिथि भी कारण
इस बार महाशिवरात्रि पर्व की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति थी। पर्व १३ व १४ दो दिन मनाया गया। श्रद्धालुओं की कम संख्या को लेकर इसे भी कारण माना जा रहा है। वहीं कुछ लोग पुलिस और वीआईपी कल्चर बढऩे के चलते आम श्रद्धालुओं की दूरी बता रहे है।