महाकाल में श्रृद्धालुओं की संख्या और प्रसाद विक्रय
दिनांक श्रृद्धालु प्रसाद विक्रय राशि
13 जुलाई 35 हजार 1063010 रुपए
14 जुलाई 25 हजार 800135 रुपए
15 जुलाई 20 हजार 791010 रुपए
१६ जुलाई ३२ हजार 1041970 रुपए
17 जुलाई 90 हजार 1432960 रुपए
18 जुलाई 30 हजार 920990 रुपए
19 जुलाई 80 हजार 1160390 रुपए
(श्रृद्धालुओं की संख्या अनुमानित, जिसमें प्रोटोकाल वाले भी शामिल)
दिनांक श्रृद्धालु प्रसाद विक्रय राशि
13 जुलाई 35 हजार 1063010 रुपए
14 जुलाई 25 हजार 800135 रुपए
15 जुलाई 20 हजार 791010 रुपए
१६ जुलाई ३२ हजार 1041970 रुपए
17 जुलाई 90 हजार 1432960 रुपए
18 जुलाई 30 हजार 920990 रुपए
19 जुलाई 80 हजार 1160390 रुपए
(श्रृद्धालुओं की संख्या अनुमानित, जिसमें प्रोटोकाल वाले भी शामिल)
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मार्ग बदलाव से हाशिए पर व्यापार
निर्माण व सवारी के कारण आए दिन बदले जाने वाले मार्ग से महाकाल मंदिर के आसपास वाले कई होटल व रेस्टोरेंट हाशिए पर हैं। मार्ग बदलाव से यात्रियों के डायवर्शन के कारण इनका व्यापार बढऩे की बजाय कम होता जा रहा है।
मार्ग बदलाव से हाशिए पर व्यापार
निर्माण व सवारी के कारण आए दिन बदले जाने वाले मार्ग से महाकाल मंदिर के आसपास वाले कई होटल व रेस्टोरेंट हाशिए पर हैं। मार्ग बदलाव से यात्रियों के डायवर्शन के कारण इनका व्यापार बढऩे की बजाय कम होता जा रहा है।
सामान्य दिनों से अधिक
महाकाल मंदिर में सामान्य दिनों से श्रावण मास में भक्तों की संख्या अधिक है।सामान्य दिनों में प्रतिदिन 10से 15 हजार श्रृद्धालु आते हैं, वहीं पिछले 7 दिनों से 45 से 50 हजार का अनुमान है। इसमें प्रोटोकाल के तहत दर्शन लाभ लेने वाले श्रृद्धालू भी शामिल है। श्रृद्धालुओं की संख्या बढ़ी तो प्रसादी का विक्रय भी बढ़ा है। 13 जुलाई से 19 जुलाई तक 72 लाख रुपए से अधिक राशि का प्रसाद विक्रय हुआ है।
– मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक, महाकाल
महाकाल मंदिर में सामान्य दिनों से श्रावण मास में भक्तों की संख्या अधिक है।सामान्य दिनों में प्रतिदिन 10से 15 हजार श्रृद्धालु आते हैं, वहीं पिछले 7 दिनों से 45 से 50 हजार का अनुमान है। इसमें प्रोटोकाल के तहत दर्शन लाभ लेने वाले श्रृद्धालू भी शामिल है। श्रृद्धालुओं की संख्या बढ़ी तो प्रसादी का विक्रय भी बढ़ा है। 13 जुलाई से 19 जुलाई तक 72 लाख रुपए से अधिक राशि का प्रसाद विक्रय हुआ है।
– मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक, महाकाल
होटल व लॉज व्यापार में भी आम दिनों से 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। श्रावण मास में छोटे-बड़े होटल और लॉज में यात्रियों के ठहराव से प्रतिदिन 80 लाख रुपए का व्यापार हो रहा है। शहर में लगभग ५० बड़े होटल हैं, जिनका प्रतिदिन का गल्ला ३० लाख रुपए आंका जा सकता है। वहीं मध्यम व छोटे लॉज से प्रतिदिन 50 लाख रुपए से अधिक की आमदनी होगी। होटल का कारोबार शनिवार, रविवार ज्यादा होता है। 400 के लगभग होटल व लॉज के अलावा शहर में करीब 100 धर्मशालाएं भी है।
– राजेश त्रिवेदी, अध्यक्ष, उज्जैन होटल यात्री गृह एसोसिएशन
– राजेश त्रिवेदी, अध्यक्ष, उज्जैन होटल यात्री गृह एसोसिएशन
सावन माह में महाकाल भक्तों की संख्या बढऩे से रेस्टारेंट का व्यापार भी बढ़ा है। महाकाल मंदिर के आसपास 150 छोटे-बड़े रेस्टोरेंट हैं, जहां रात 12 बजे तक भीड़ रहती है, वहीं शहर के दोनों बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, व शहर के अंदर लगभग 300 रेस्टोरेंट होंगे। महाकाल मंदिर के आसपास वाले रेस्टोरेंट पर आम दिनों से 20 से 25 प्रतिशत ग्राहकी बढ़ी है, जिनका एवरेज गल्ला प्रतिदिन 10 से 20 हजार रुपए होता है। पूरे शहर का आकलन नहीं पता।
-अनिल गंगवाल, रेस्टोरेंट संचालक
-अनिल गंगवाल, रेस्टोरेंट संचालक