महाकाल मंदिर के सभी पंडे-पुजारियों ने बताया कि रंगपंचमी पर्व के अवसर पर हर वर्ष भगवान भेरवनाथ व ध्वजों का पूजन-अर्चन महाकाल का ध्वज चलसमारोह गेर कर परंपरा का निर्वहन किया था। नगर में धूमधाम से निकाला जाता है। चूंकि इस वर्ष शासन-प्रशासन ने लेकिन पिछले दो वर्ष से कोरोना के कोरोना को लेकर जारी सभी निर्देश चलते गेर नगर में नहीं निकाली जा समाप्त कर दिए, जिसको ध्यान में सकी थी।
हालांकि इस दौरान भी रखते हुए परंपरा अनुसार इस वर्ष पंडे-पुजारियों ने मंदिर परिसर के रंगपंचमी पर्व पर भगवान महाकाल अंदर ही नियम पालन करते हुए का ध्वज चल समारोह गेर भी भगवान महाकाल, श्रीवीर भद्र॒ निकाली गई। गेर महाकाल मंदिर के सभामंडप में शाम 6 बजे ध्वज पूजन के पश्चात प्रारंभ हुई। पूजन में जनप्रतिनिधि, प्रशासन व पुलिस के अधिकारी एवं महाकाल मंदिर के समस्त पंडे-पुजारी भी प्रमुख रूप से शामिल रहे।
बताया जा रहा है कि मंदिर के विस्तारीकरण को लेकर चल रहे निर्माण आदि कार्यों को देखते हुए जनहित में गेर को शहर में नहीं निकालने पर विचार किया गया था, लेकिन बाद में शासन-प्रशासन के अधिकारियों ने सभी पंडे-पुजारियों से भगवान महाकाल का चलसमारोह परंपरागत रूप से शहर में निकालने का आग्रह किया। इस पर यह निर्णय लिया गया और रंगपंचमी पर बाबा महाकाल की गेर परंपरागत मार्ग से बड़ी धूमधाम के साथ निकली।