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उज्जैन

शिक्षकों की कार्यमुक्ति और पदस्थापना अटकी

प्रदेश में करीब 12 साल बाद हुए शिक्षकों के तबादले पहले ऑनलाइन आदेश को लेकर उलझे और जब आदेश मिल गए तो दस्तावेजों के सत्यापन का पेंच आ गया है। इसके चलते एक बार फिर तबादला होने के बाद भी शिक्षकों की कार्यमुक्ति और पदस्थापना अटक गई है।

उज्जैनAug 14, 2019 / 10:24 pm

Shailesh Vyas

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उज्जैन. प्रदेश में करीब 12 साल बाद हुए शिक्षकों के तबादले पहले ऑनलाइन आदेश को लेकर उलझे और जब आदेश मिल गए तो दस्तावेजों के सत्यापन का पेंच आ गया है। इसके चलते एक बार फिर तबादला होने के बाद भी शिक्षकों की कार्यमुक्ति और पदस्थापना अटक गई है। एेसे शिक्षक जिन्हें तबादले का आदेश मिल गया वे अपने संकुल में कार्यमुक्ति के लिए चक्कर लगा रहे हैं और जिनको कार्यमुक्त कर दिया गया है, वे पदस्थापना की गुहार लगा रहे हैं।शिक्षा विभाग की ओर से तबादलों को लेकर निकाले जा रहे नए-नए आदेश शिक्षकों के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं। दस्तावेज सत्यापन के लिए शिक्षकों को करीब एक पखवाड़े का और इंतजार करना पड़ेगा, तब कहीं जाकर उन्हें संबंधित स्कूल में पदस्थापना का आदेश प्राप्त हो सकेगा। गौरतलब है कि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के लगभग 35 हजार शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया, लेकिन अब तक कई शिक्षकों को आदेश नहीं मिले हैं।24 जून से 12 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदनस्कूल शिक्षा विभाग की ओर से इस बार शिक्षकों से स्वैच्छिक तबादले को लेकर ऑनलाइन आवेदन 24 जून से 12 जुलाई तक कराया गया। इसमें प्रदेश से लगभग 70 हजार आवेदन हुए थे। २० जुलाई तक तबादले के आदेशों के बाद 29 जुलाई तक सभी को कार्यभार ग्रहण करना था लेकिन 14 अगस्त तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।असमंजस में शिक्षककई स्कूलों के शिक्षकों आदेश जारी हो चुके हैं लेकिन इस बीच लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने सभी जिलों के डीइओ को निर्देश जारी किया है कि स्थानांतरित हुए शिक्षकों को न तो कार्यमुक्त किया जाए और न ही कार्यभार ग्रहण कराया जाए। इस निर्देश से शिक्षकों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि अब वे क्या करें।
डीपीआई आयुक्त निर्देश
– जहां पर शिक्षकों के तबादले से शाला शिक्षक विहीन हो रही है, उस शिक्षक को तब तक रिलीव न किया जाए जब तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाए।
– जिन स्कूलों में पद रिक्त नहीं है और वहां पर किसी शिक्षक का तबादला हो गया तो उसकी सहमति से रिक्त पद वाली शाला में किया जाए।
– जिन सहायक शिक्षकों और सहायक अध्यापकों ने हाइस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में आवेदन किया है उनका तबादला निरस्त माना जाए।
– सहायक अध्यापक (विज्ञान) वालों को केवल हाइस्कूल में तबादला किया जाए।

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