संविदा और स्थाईकर्मी हुए आमने-सामने ड्यूटी का विवाद
सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में परीक्षा व गोपनीय विभाग में ड्यूटी को लेकर विवाद, स्थाईकर्मी में नाराजगी

उज्जैन. इंदौर रोड स्थित शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेेज में परीक्षा ड्यूटी को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ गई है। कॉलेज प्रशासन ने परीक्षा व गोपनीय विभाग की जिम्मेदारी संविदा कर्मियों को सौंप दी है और स्थाई कर्मचारियों को ड्यूटी से दूर कर दिया है। इसे लेकर अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। स्थाईकर्मी संविदाकर्मियों को नियम विरुद्ध काम सौंपने की बात कर रहे है। तो कॉलेज प्रशासन तीन साल से ज्यादा एक व्यक्ति की पदस्थापना नहीं होने की बात कह रहा है।
प्रशानिक प्रक्रिया में हुआ बदलाव
शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज प्रशासन ने हाल ही में परीक्षा विभाग की व्यवस्था में बदलाव हुआ है। प्रशासन ने परीक्षा से जुड़ी जिम्मेदारी संविदाकर्मियों को सौंपी है। यहां तीन महिला और एक पुरूष संविदाकर्मी परीक्षा विभाग में नियुक्त किए गए है। जिसके चलते नियमित कर्मचारियों और कॉलेज प्रोफेसर में नाराजगी का माहौल है। उनके अनुसार संविदाकर्मियों को ये जिम्मेदारी सौंपने से कॉलेज प्रशासन को सीधा-सीधा ईशारा उन पर विश्वास नहीं होने का है। जिसके चलते वर्षाें से काम करने वाले और कॉलेज मेंं जीवन भर सेवा देने वाले कर्मचारी आहत हुए है। नियमित कर्मचारियों को कॉलेज प्रबंधन ने अन्य जिम्मेदारियों को सौंप रखी है। जो काम कायदे से संविदाकर्मियों को करना चाहिए। लेकिन कॉलेज प्रशासन ने एक दो वर्ष पूर्व आए कर्मचारियों को इतनी महत्तवपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है।
परीक्षा व मूल्यांकन का काम होता
परीक्षा और गोपनीय विभाग काफी महत्वपूर्ण है। यहां पर परीक्षा संचालन के साथ उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन का काम होता है। शिक्षा संस्थान की रीढ़ माने जाने वाले दोनों विभागों में कर्मचारियों की पदस्थापना के कड़े नियम है।
नियमों के तहत दी ड्यूटी
कॉलेज के प्रिंसिपल उमेश पेंडारकर ने बताया कि नियमित कर्मचारियों की शिकायत के चलते उन्हें अन्य विभागों में पदस्थ किया गया है। जो कर्मचारी परीक्षा विभाग में काम कर रहे है वे विश्वसनीय है। परीक्षा विभाग में कोई भी कर्मचारी लंबे समय तक पदस्थ नहीं रखा जाएगा। हर बार कर्मचारियों की ड्यूटी बदली जाएगी। ताकि परीक्षा विभाग की गोपनियता बनी रहे।
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