दरअसल, रतलाम में परीक्षा अधीक्षक डॉ. केसी नाहर ने 23 अप्रेल को बीए (द्वितीय वर्ष) परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को 27 अप्रेल को होने वाला पेपर बांट दिया, करीब 15 मिनट तक तो विद्यार्थी कुछ समझ नहीं पाए फिर अचानक सभी से पेपर वापस लेकर 23 अप्रेल को निर्धारित अर्थशास्त्र का पहला पेपर दिया गया।
चूंकि 23 अप्रेल को पेपर लीक हो गया था तो आनन-फानन में विक्रम विश्वविद्यालय ने नया पेपर सेट कराया और प्रिंट कर रतलाम कॉलेज को भेजा गया। इसके बाद वाणिज्य कॉलेज रतलाम में 27 अप्रेल को नए पेपर के साथ परीक्षा ली गई। मामले को कॉलेज ने पूरी तरह दबाए रखा और विक्रम विश्वविद्यालय भी नए पेपर की तैयारी में जुटा रहा। अब मामला सामने आने के बाद विवि के साथ ही वाणिज्य कॉलेज भी जांच कर कार्रवाई का दावा कर रहा है।
अब वसूली की तैयारी
पेपर लीक होने के मामले को विक्रम विवि ने अब गंभीरता से लिया है। बताया जाता है कि पेपर सेट करने, प्रिंट करवाने और उसके परिवहन की सारी राशि संबंधित से ही वसूली जाएगी। इस समय बीए की परीक्षा विक्रम विवि परीक्षेत्र के 100 से ज्यादा कॉलेजों में परीक्षा हो ही है। समय पर प्रश्नपत्र नहीं पहुंचता तो सभी कॉलेजों की परीक्षाएं प्रभावित होती जिनमें हजारों विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं।
गंभीर त्रुटि है यह
परीक्षा का कार्य काफी गंभीर होता है। 27अप्रेल को होने वाले पेपर का पैकेट 23 तारीख को ही खोल लिया था। दूसरी तारीख का पैकेट खोलकर वितरित करना काफी गंभीर त्रुटि है। उसी समय विक्रम विवि को सूचना दे दी गई थी। नया प्रश्नपत्र समय पर आ चुका था और बुधवार को परीक्षा ले ली गई है।
- डॉ. राकेश माथुर, प्राचार्य स्वामी विवेकानंद वाणिज्य महाविद्यालय रतलाम