उज्जैन

संभाग केसरी स्पर्धा: हर पहलवान का सपना था उसके नाम यह खिताब जुड़ जाए

क्वार्टर फाइनल से फाइनल तक था जुनून, कुश्ती प्रेमियों ने देर रात तक लिया आनंद

उज्जैनDec 01, 2017 / 12:02 pm

Gopal Bajpai

उज्जैन. गुरुवार की सुबह की शुरुआत जब हुई तब संभाग केसरी स्पर्धा में शामिल हुए हर पहलवान का सपना था कि रात होने तक उसके नाम के पीछे यह खिताब जुड़ जाए। हालांकि इनमें से कुछ खिलाडि़यों को सपना पूरा हुआ और करीब २९ खिलाडि़यों ने बुर्ज, शील्ड और कप पर कब्जा जमाया। पुरुष वर्ग में १५ वजन वर्ग में और महिला वर्ग में ४ वजन वर्ग में स्पर्धा से विजेता घोषित किए गए। प्रत्येक वजन वर्ग में तीन सर्वश्रेष्ठ पहलवानों को करीब १.२५ लाख रुपए के पुरस्कार वितरित किए।


गुरुवार सुबह ९ बजे से महिला वर्ग के क्वार्टर फाइनल और पुरुष वर्ग में ६१, ६५, ७०, ७४ और ओपन वर्ग के लिए क्वार्टर फाइनल मुकाबले खेले गए। फाइनल तक सफर में कई खिलाडि़यों ने जारे-आजमाइश की और दांव लगाकर प्रतिद्वंद्वी को चित भी किया, वहीं कुछ खिलाड़ी अंकों के आधार पर विजेता घोषित हुए। शाम को सेमीफाइनल और फाइनल मुकाबले शुरू हुए, जिनमें प्रत्येक वजन वर्ग में संभाग केसरी, उपविजेता और तृतीय स्थान के पहलवानों की घोषणा की गई। विजेता को अतिथियों द्वारा बुर्ज, उपविजेता को शील्ड और तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागी को कप प्रदान कर नकद पुरस्कार प्रदान किया गया।

पढ़ाई के साथ करता हूं अभ्यास
ओपन वर्ग में संभाग केसरी का खिताब जीतने वाले चंद्रावतीगंज के अंसार पटेल का कहना है कि वे इंदौर के गुजराती कॉमर्स कॉलेज से बीकॉम कर रहे हैं। पढ़ाई के साथ वे खेमचंद्र गुरु अखाड़े में जाकर अभ्यास करते हैं। अपनी दिनचर्या के बारे में उन्होंने बताया कि सुबह ५ बजे उठते हैं और फिर रंनिग के लिए जाते हैं। ६ बजे अखाड़े में पहुंचकर करीब आधे घंटे तक अखाड़ा पलटी करते हैं। उसके बाद ५०० दंड लगाने के साथ १००० उठक-बैठक लगाते हैं। करीब १० बजे खाना खाकर कॉलेज जाते हैं। फिर शाम को ४ बजे अखाड़े में पहुंचकर सुबह की तरह अभ्यास करते हैं। पूरे दिन में दो लीटर दूध, २ किलो फल, १०० ग्राम बादाम का सेवन करते हैं। पिता अल्ताफ पटेल किसान हंै और उनके काम भी हाथ बटाते हैं। इसके पूर्व में ६८ किलो ग्राम वजन वर्ग में उज्जैन में ही संभाग केसरी का खिताब जीत चुके हैं। वहीं २०१५ में बडऩगर में आयोजित स्पर्धा में भी संभाग केसरी का खिताब उनके नाम रहा है। अंसार का कहना है कि आगे बढ़कर वे राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में पदक जीतना चाहते हैं।

देश के लिए पदक जीतना है सपना
उपविजेता रहे वीरेंद्र सोलंकी का कहना है कि हालांकि इस हार से उनके उत्साह पर कोई असर नहीं पड़ेगा वे लगातार अभ्यास करेंगे। उनका सपना देश के लिए पदक जीतना है। सोनकच्छ के शिव व्यायामशाला में प्रतिदिन ४ घंटे अभ्यास करने वाले वीरेंद्र प्रतिदिन १००० उठक-बैठक और दंड लगाते हैं। इसके साथ ही आधे घंटे तक अखाड़े की पलटी में जोर लगाते हैं। प्रतिदिन ४ लीटर दूध, ५० ग्राम बादाम और दो किलो फल खाते हैं। १२वीं तक पढ़ाई की है और अब पिता अमरसिंह सोलंकी के जनरल स्टोर में उनके काम में हाथ बंटाते हैं। वीरेंद्र ने अंसार को रतलाम में गत वर्ष आयोजित हुई संभाग केसरी स्पर्धा में हराते हुए खिताब हासिल किया था, आज अंसार ने उन्हें हराकर हिसाब बराबर कर लिया है। वीरेंद्र का कहना है कि अगले वर्ष उनका प्रयास इस खिताब को अपने नाम करने का रहेगा। इसके अलावा कई स्पर्धाओं में अलग-अलग वजन वर्ग में विजेता रह चुके हैं और करीब ६ वर्षों से कुश्ती से जुड़े हैं।

राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए कोमल का चयन
नरवर. 5 से 9 दिसंबर से इंदौर में होने वाली राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिता के लिए नरवर की कोमल पिता नारायण सिंह परमार का चयन रोड साइकिलिंग में हुआ है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरवर की व्यायाम निर्देशिका विनीता बडज़ात्या ने बताया कि कोमल को कुक्षी में हुई राज्य स्तरीय साइकिलिंग प्रतियोगिता में रजत पदक प्राप्त हुआ था। कोमल की इस उपलब्धि पर प्राचार्य डॉ चंद्रा नाहटे एवं समस्त स्टाफ ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

जिले के खिलाडिय़ों का दबदबा, अब प्रदेश में झंडा फहराने की तैयारी
उज्जैन वृत्त की ओर से 23 वीं वृत्त स्तरीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन गुरुवार को किया गया, जिसमें उज्जैन संभाग के अंतर्गत आने वाले सभी वनमण्डल शाजापुर, उज्जैन, देवास, रतलाम, मंदसौर,नीमच एवं संभाग स्तरीय वृत्त कार्यालयों के विभागीय कार्यालयीन एवं क्षेत्रीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में चयनीत खिलाडिय़ों को आगामी माह में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भेजा जाएगा।

उज्जैन ने जीते २१ गोल्ड मेडल
शुरुआत में 200 मीटर पुरुष ओपन की प्रतियोगिता हुई। इसके बाद समस्त एथलेटिक्स आउटडोर व इनडोर प्रतियोगिताएं, महानंदा नगर स्पोट्र्स एरिना पर आयोजित की गई। मुख्य रूप से दौड़, पैदल चाल, लंबीकूद, ऊंची कूद, ट्रिपल जम्प, भाला फेंक ***** फेंक, शॉट पुट गोलाफेंक, बेडमिंटन, टेबल टेनिस, केरम शतरंज आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। चंद्रप्रकाश यादव वनरक्षक द्वारा सर्वाधिक पदक प्राप्त किए गए। विभिन्न वनमंडलों में से उज्जैन द्वारा सर्वाधिक गोल्ड मेडल 21 प्राप्त कर चैंपियनशिप ट्रॉफी पर अपना कब्जा किया। इसके बाद रतलाम द्वारा 5 देवास द्वारा 3 व मंदसौर द्वारा 1 गोल्ड मेडल प्राप्त किए गए। शाजापुर 5वें व नीमच अंतिम 6ठे स्थान पर रहा।

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