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उज्जैन

कभी सुना है पहलवानी के इन दाव-पेच के बारे में

नगर निगम द्वारा आयोजित संभाग केसरी स्पर्धा में संभागभर से करीब ५०० पहलवान दांव-पेंच लगा रहे हैं।

उज्जैनNov 30, 2017 / 11:37 am

Gopal Bajpai

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प्रशांत शर्मा@उज्जैन. नगर निगम द्वारा आयोजित संभाग केसरी स्पर्धा में संभागभर से करीब ५०० पहलवान दांव-पेंच लगा रहे हैं। कुश्ती के खेल से जुड़े लोग इसके दांव और जोर को भलीभांति समझते हैं, परंतु कम ही लोगों को पता होगा कि वर्तमान समय की कुश्ती में भी करीब २०० से अधिक दांव प्रचलन में हैं। इन सभी दांव के तोड़ भी हैं और ये दांव अगर सटीक लग जाए तो पहलवान चंद सेकंड में चित भी हो सकता है।

मिट्टी से शुरुआत पर पहचान मिलेगी गद्दों पर
शहर में कई अखाड़े हैं जो पहलवानी के गुर मिट्टी पर सिखाते हैं। दांव और जोर का मिश्रण मिट्टी पर ही तैयार किया जाता है। समय के बदलने के साथ कुश्ती का रूप भी बदला और पहलवान मिट्टी से गद्दों तक पहुंचे। ये गद्दे ही अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहलवानों को पहचान और पदक दिला रहे हैं। देश के कई पहलवानों ने गद्दों पर दांव लगाकर देश को पदक दिलाए हैं। हालांकि दांव वहीं है, परंतु तकनीक बदल जाती है। कुश्ती में चलने वाले २०० से अधिक दांव हैं तो उनके तोड़ भी हैं, जो हर पहलवान के लिए इस खेल का विशेष पहलू भी है। वर्ष २००६ में संभाग केसरी रहे रितेश तिवारी ने चर्चा के दौरान एेसे ही कुछ दांव और उनके बचाव की जानकारी दी।

दांव और उनके तोड़
भारंदाज इस दांव की विशेष बात यह है कि जब विरोधी पहलवान बैठा हो और उसके दोनों हाथ जमीन को छू रहे हो तो पीछे से कमर से पकड़ बनाकर कंधे और पैर के जोर से उठाकर पहलवान को पटककर चित किया जाता है। बचाव इस दांव से बचने या इसका तोड़ यह है कि दांव लगाने वाला पहलवान जिस ओर से कंधे के जोर से उसे उठा रहा है, उसके विपरीत वाले कंधे पर दूसरे पहलवान को जोर लगाना होगा।

पट निकालना : यह दांव तब लगाया जाता है जब दोनों पहलवान खड़े हों। इस स्थिति में गर्दन पर पकड़ बनाकर झटके के साथ पैरों से उठाकर पटक कर पहलवान को चित किया जाता है।
बचाव: इस दांव से बचने के लिए दूसरे पहलवान को अपने पैरों को पीछे की ओर खींचकर अपना वजन दांव लगाने वाले पहलवान पर डालना होगा और वह पटक के बाद चित होने से बच जाएगा।

जनेवा: यह दांव भी उस स्थिति मंें लगता है, जब दोनों पहलवान जोर लगा रहे हों और एक झटके के साथ गर्दन और पैरों पर पकड़ बनाकर पहलवान को उठाकर उसे आधा उठाकर पटक देकर चित किया जाता है।
बचाव: इस दांव से बचने के लिए दूसरे पहलवान को अपने पैरों को पकड़ से बचाने के लिए पीछे की ओर खींचना होगा और दांव लगाने वाले पहलवान पर अपना वजन डालना होगा, जिससे वह पकड़ ना बना सके।

फितले: यह दांव उस स्थिति में लगाया जाता है, जब पहलवान सीने के बल जमीन पर लेटा हो। इस स्थिति में पहलवान के दोनों पैरों के पंजों पर पकड़ बनाकर उसे सिर के बल पलटकर चित किया जाता है।
बचाव: इस दांव का बचाव यह है कि पहलवान अपने पैरों को पीछे की ओर खींच ले या दूसरे तरीके में जिस ओर से दांव लगाने वाला पहलवान उसे पलटने का प्रयास कर रहा है, उसके विपरीत वह अपना जोर लगाकर खुद को पलटने से बचाए।

धोबी पछाड़: यह दांव भी दोनों पहलवानों के जोर लगाने की स्थिति में ही लगाया जाता है। इस दांव में दोनों हाथ पकड़कर एक झटके के साथ घुमाकर जमीन पर पटककर चित किया जाता है।
बचाव: इस दांव से बचने के लिए दांव लगाने वाले पहलवान की कमर पर पकड़ बना ली जाए तो चित होने से बचा जा सकता है।

कमर तोड़ : यह दांव भी उस स्थिति में लगता है, जब दोनों पहलवान जोर लगा रहे हों और एक झटके साथ पहलवान की कमर पर पकड़ बनाकर और सीने पर सिर से जोर लगाकर चित किया जाता है।
बचाव: इस दांव का बचाव एक दांव ही है, जिसे ढाक कहते हैं। इस दांव में कमर तोड़ दांव लगाने वाले पहलवान की गर्दन पर पकड़ बनाई जाती है और एक पैर से उठाकर उसे सिर से पीछे की ओर पटककर चित किया जा सकता है।

उखाड़: फिल्म सुल्तान में सलमान ने जो दांव लगाकर फिल्म हिट कराई थी ये वहीं दांव है। इस दांव में विरोध पहलवान को कमर से पकड़कर सिर के ऊपर से पीछे पटककर चित किया जाता है।
बचाव: इस दांव से बचने के लिए दूसरे पहलवान को दांव लगाने वाले पहलवान के पैरों में टंगड़ी अड़ाना होगी और ऊपर उठने से खुद को रोकना होगा।

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