इससे पहले शनिवार सुबह महाकाल बाबा के दरबार में ( diwali celebration ) भस्म आरती के बाद दीपावली मनाई गई। बाबा को चंदन का उपटन लगाया गया। सुगंधित तेल से बाबा का स्नान कराया गया। इसके बाद पुष्प अर्पित किए गए और 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। महाकाल बाबा के मंदिर का पूरा आंगन आकर्षक विद्युत और फूलों से सजा हुआ है। इससे पहले महाकाल मंदिर में शुक्रवार रात को त्रयोदशी पर्व लगते ही शयन आरती के बाद बाबा के सामने फुलझड़ी जलाकर पर्व की शुरुआत हो गई थी।
इकोफ्रेंडली रंगीन सजावट लगी महाकालेश्वर मंदिर में गुलाबी, नीले व सफेद रंग के कलात्मक कागजों से इकोफ्रेंडली सजावट की गई है। यश गुरु ने बताया नंदी हॉल में रंग-बिरंगी सजावट की गई है। भगवान को 56 तरह के पकवानों को भोग लगाए गए हैं।