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धर्म के प्रति प्रेम नहीं तो प्रेम को ही धर्म बना लें

locationउज्जैनPublished: Aug 20, 2018 12:45:15 am

Submitted by:

Lalit Saxena

जीवन में धर्म देरी से आता है व कभी भी छूट जाता है, पाप जल्दी आते हैं व छूटते नहीं है।

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बडनगर. जीवन में धर्म देरी से आता है व कभी भी छूट जाता है, पाप जल्दी आते हैं व छूटते नहीं है। आज के युग में व्यक्ति के पास धर्म करने का समय तय है व पाप हर समय करते रहते है। धर्म के प्रति प्रेम नहीं है तो प्रेम को धर्म बना लेवे। इससे जीवन में परिवर्तन आएगा। जैनाचार्य ने प्राणातिपात, मृशावाद, अदतादान, मैथुन एवं परिग्रह नामक 5 पाप पर अपने विचार रखे तथा सागर तेंडुलकर ने संगीत की स्वरलहरियों के साथ अपने सुरीले कंठ से पांचों पाप की पद्यात्मक अभिव्यक्ति की।
नमकीन व मिष्ठान के खान-पान से हटकर अनुष्ठान में अपना जीवन लगावे। आचार्य ने कहा कि संपत्ति, सौन्दर्य, सामग्री, सम्बंधों का सुख नहीं मिलेगा तो चलेगा, तन्दुरुस्ती का सुख सभी को चाहिए।
पूर्व में अनीति करने वालों का सर झुका रहता था, ऑंखों की शरम थी लेकिन वर्तमान दौर में गलत काम करने वाले ऑंख में ऑख डालकर कहते है, कौन नहीं कर रहा है। जैनाचार्य ने कहा कि जिस तरह से खानपान दवाई आदि पर शाकाहारी -मांसाहारी से सम्बंधित ग्रीन व रेड बिंदू का निशान होता है। वह निशान सौन्दर्य सामग्री पर भी होना चाहिए इसके लिए में प्रयासरत हूं।
रत्नसुंदरसूरीश्वर से मिला सोमेश्वर मित्र मंडल
बडऩगर. सोमेश्वर महादेव मित्र मण्डल के सदस्य संस्था संरक्षक डॉ. वासूदेव काबरा के नेतृत्व में जैनाचार्य रत्नसुंदरसूरीश्वर से भेंट कर संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी। आपने सुझाव देते हुए कहा कि झांकियों का निर्माण ऐसा किया जाए जिससे समाज को संदेश मिले और आसानी से उसे हर वर्ग के लोग समझकर पालन कर सकें। इस अवसर पर संस्थाध्यक्ष कृष्णचन्द्र काबरा, दीपक आचार्य, अभिभाषक रमेश जोशी, अजीत जैन, श्याम शर्मा, विष्णु पोरवाल, पंकज चौऋषिया, प्रकाश बंम, डॉ. प्रीतम सोनी, तरुण आचार्य सहित संस्था सदस्य उपस्थित थे।
उन्हेल स्टेशन. चम्बल पाड़ल्या श्रावणमास में यहां चल रही भागवत कथा में बाल व्यास, पं नीलेश शास्त्री ने कहा कि हर घर में एक गाय होना चाहिए। जहां गाय माता की पूजा होती है। वहां भगवान का निवास होता है । कथा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। जिसमें श्रोताओं ने भजनों पर नृत्य किया। कथा में गणेश माहेश्वरी शंकरसिंह पंवार, दुलेसिंह सिसौदिया, बापूसिंह, कमलसिंह, घनश्याम पाठक , दिनेश माहेश्वरी, गुडडू पांचाल, मुकेश चौधरी आदि मौजूद थे।

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