तीन दिन पहले जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.राजू निदारिया के खिलाफ कलेक्टर मनीष सिंह को शिकायती आवेदन दिया गया था। आवेदन में जिला अस्पताल, माधव नगर, चरक, जीवाजीगंज के चिकित्सकों के हस्ताक्षर थे। मामले प्रकाश में आने के बाद सभी चिकित्सकों ने आवेदन पर फर्जी हस्ताक्षर होने की बात कही है। जिला अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ.अजय निगम ने फर्जी शिकायतकर्ता की पहचान सामने आने के लिए नानाखेड़ा थाने में आवेदन दिया है और जिसमें मामले की जांच की बात लिखी गई है। डॉ.निगम ने बताया कि जिला अस्पताल का माहौल खराब करने के उद्देश्य से अस्पताल स्टाफ के कुछ कर्मचारी ये षड्यंत्र कर रहे हैं, जिनकी पहचान उजागर होना बेहद जरूरी है। जिसके चलते थाने में शिकायत की गई है। विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ.सीएम पुराणिक ने बताया कि अस्पताल में फिलहाल काम बेहतर हो रहा है। बहुत से कामचोर कर्मचारियों को इस वक्त काम करना पड़ रहा है। ऊपरी कमाई और अवैध लेनदेन करने वाले कर्मचारियों को हटाया गया है। जिस वजह से ये कर्मचारी मिलकर षडयंत्र कर रहे है। जिसके चलते कलेक्टर से मिलकर मामले की जांच करवाए जाने की बात करेंगे।
चिकित्सकों ने दिया स्पष्टीकरण-शिकायती आवेदन में सेवानिवृत्त डॉ.अनिल दुबे और डॉ.बीबी पुरोहित के भी हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा डॉ.नरेंद्र गोमे के नाम के सामने डॉ.रेखा गोमे के हस्ताक्षर हैं। आवेदन में जिन-जिन चिकित्सकों के नाम और हस्ताक्षर है। लगभग सभी ने आवेदन पर फर्जी हस्ताक्षर होने संबंधी स्पष्टीकरण दिया है।
आरएमओ कार्यालय से संबंधित होने की आशंका
शिकायती आवेदन में सभी चिकित्सकों के फर्जी हस्ताक्षर करने किए गए हैं। ये सभी चिकित्सक आरएमओ ऑफिस में रखे हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते है। जिसके चलते शिकायती आवेदन का संबंध आरएमओ ऑफिस से होने की आशंका जताई जा रही है। आरएमओ कार्यालय के एक कर्मचारी का हाल ही में प्रभार बदला गया है। जिस पर शंका जताई जा रही है।
पूर्व में की शिकायत भी निकली फर्जी
एक ही जैसे शब्द-जिला अस्पताल प्रबंधन में कर्मचारियों के आपसी मतभेद और शिकायतों का मामला नया नहीं है। करीब दो महीने पहले भी मेट्रन के फर्जी साइन का शिकायती आवेदन कलेक्टर को दिया गया था। इसके बाद भी सभी मेट्रन और नर्स इससे किनारा कर लिया था। तीन दिन पूर्व जो हस्तलिखित शिकायती आवेदन दिया गया है उसके और पूर्व के आवेदन की लिखावट और पैटर्न एक है।