मिली जलसंकट से मुक्ति
कुछ दिन पहले तक सूखे की मार झेल रहे शहर को लंबी रिमझिम ने बड़ी राहत पहुंचाई है। शुक्रवार दिनभर बरसने के बाद रात को भी बारिश का दौर जारी रहा। इसके चलते शिप्रा के जलस्तर में खासी बढ़ोतरी हुई और सुबह रामघाट स्थित छोटी पुलिया पूरी तरह जलमग्न हो गई। साथ ही घाट के कई छोटे मंदिर भी पूरी तरह पानी में डूब गए। नदी में पानी बढऩे के कारण लोगों को जलस्त्रोतों के नजदीक नहीं जाने की हिदायत दी गई है।
गंभीर डेम का बढ़ा लेवल
इधर, जिले में बारिश के साथ ही इंदौर से बनी पानी की आवक के चलते गंभीर डेम के लेवल में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई। शनिवार शाम ५ बजे तक १३६४ एमसीएफटी लेवल हो गया। डेम की कुल क्षमता २२५० एमसीएफटी है, एेसे में मानसून सक्रीय होने के कुछ दिनों में ही डेम में आधे से अधिक पानी जमा हो चुका है। डेम में रात को भी पानी की आवक बनी हुई थी।
जारी रहा बारिश का दौर
शनिवार सुबह से लेकर दोपहर तक रुक-रुक कर रिमझिम फुहारें पड़ती रहीं। दोपहर बाद तेज वर्षा हुई। सुबह से लेकर शाम 5:30 बजे तक शहर में ३१.९ मिमी बरसात दर्ज की गई। इधर वर्षा के कारण कई निचले इलाकों में पानी भर गया। कुछ स्थानों पर वृक्ष भी गिरे हैं। शिप्रा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है तो गंभीर डैम में पानी आ गया है। शुक्रवार रात 2 बजे तक तेज बारिश का दौर जारी था।
मानसून सक्रिय
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में अति कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी मप्र के मध्य और उससे लगे दक्षिणी उप्र पर बना हुआ है। साथ ही एक ट्रफ ( द्रोणिका लाइन) उत्तर-पश्चिम राजस्थान से मप्र में सक्रिय होकर अति कम दबाव के क्षेत्र से दक्षिणी उप्र होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। गुजरात पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस वजह से मानसून को अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों स्थानों से ऊर्जा मिल रही है। इससे पूरे प्रदेश में बरसात का सिलसिला जारी है। कम दबाव के क्षेत्र का रुख उत्तर प्रदेश की तरफ होने से उज्जैन को अपेक्षाकृत बरसात का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जीवाजी वेधशाला के अनुसार बीते २४ घंटे में ३७ मिमी, सुबह ८.३० से शाम ५.३० तक ३१.९ मिमी और वर्तमान सीजन में अभी तक १६६.० मिमी वर्षा दर्ज हुई है। दिन-रात के पारे में केवल एक डिग्री का अंतर है। अधिकतम तापमान २४.५ डिग्री से.दर्ज हुआ। इसी तरह गुरुवार-शुक्रवार की रात का तापमान 23.५ डिग्री से. रिकॉर्ड हुआ।