महाकालेश्वर मंदिर का नया कॉरिडोर लगभग बनकर तैयार हो गया है। करीब 900 मीटर लंबे इस महाकाल कॉरिडोर में दिव्यांग, बुजुर्ग व अन्य जरूरतमंद श्रद्धालुओं को आने-जाने के लिए बैटरी चलित ई-कार्ट चलाए जाएंगे। कॉरिडोर के सीमेंट कांक्रीट रोड पर यह वाहन बिना दचके के निर्विघ्र चल पा रहे हैं। रोड की सफाई के बाद इनका सफर और भी स्मूथ होगा।
महाकाल कॉरिडोर में जरूरतमंदों श्रद्धालुओं के लिए करीब 15 नि:शुल्क ई-कार्ट चलाए जाएंगे। निर्माता कंपनी द्वारा इनमें से कुछ व्हीकल स्मार्ट सिटी को सप्लाई भी कर दिए गए हैं। मंगलवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने इस ई-कार्ट का ट्रायल लिया। उन्होंने व्हीकल चलाकर अन्य अधिकारी व स्मार्ट सिटी कंपनी के इंजीनियर्स के साथ त्रिवेणी संग्रहालय से महकाल मंदिर के पीछे शंख द्वार फेसिलिटी सेंटर तक कॉरिडोर का भ्रमण किया। बता दें कि जून मध्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कॉरिडोर का लोकार्पण प्रस्तावित है। मोदी को इस ई-कार्ट में कॉरिडोर का भ्रमण करवाया जा सकता है।
एक बार में 11 यात्री
ई-कार्ट की कीमत 7-8 लाख रुपए बताई जा रही है। यह वन प्लस इलेवन सीटर है। मसलन चालक के अलावा इसमें 11 यात्री एक साथ बैठक सकते हैं। इनमें से एक 8 सीटर है। वाहन बैटरी चलित है इसलिए पूरी तरह इको फ्रेंडली हैं। साउंडलेस होने के कारण इसका सफर और भी सुकुनदायी लगता है। वाहन की बॉडी व रूफ को पोलो खेल में उपयोग होने वाले वाहन से मिलता-जुलता बनाया है लेकिन इसके पहीये बेहद सामान्य होने से वाहन की खूबसूरती के साथ मेल नहीं खा रहे हैं।
ई-कार्ट की कीमत 7-8 लाख रुपए बताई जा रही है। यह वन प्लस इलेवन सीटर है। मसलन चालक के अलावा इसमें 11 यात्री एक साथ बैठक सकते हैं। इनमें से एक 8 सीटर है। वाहन बैटरी चलित है इसलिए पूरी तरह इको फ्रेंडली हैं। साउंडलेस होने के कारण इसका सफर और भी सुकुनदायी लगता है। वाहन की बॉडी व रूफ को पोलो खेल में उपयोग होने वाले वाहन से मिलता-जुलता बनाया है लेकिन इसके पहीये बेहद सामान्य होने से वाहन की खूबसूरती के साथ मेल नहीं खा रहे हैं।
कार्य में तेजी के निर्देश
कलेक्टर ने कॉरिडोर के निरीक्षण में कई बारीक कमियों पर नजर डाली। उन्होंने कुछ प्रतिमाओं के आकार, रंग आदि को लेकर सवाला उठाए और जरूरी संशोधन के निर्देश दिए। साथ ही विद्युत कनेक्शन, पौधारोपण आदि पर चर्चा की। उन्होंने कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने कॉरिडोर के निरीक्षण में कई बारीक कमियों पर नजर डाली। उन्होंने कुछ प्रतिमाओं के आकार, रंग आदि को लेकर सवाला उठाए और जरूरी संशोधन के निर्देश दिए। साथ ही विद्युत कनेक्शन, पौधारोपण आदि पर चर्चा की। उन्होंने कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।