उज्जैन

महाभारत ग्रंथ को घर-घर में स्थापित करने के लिए जगाया जाएगा अलख, देशभर में 120 स्थानों पर कार्यक्रम

Ujjain News: दिव्य भारत प्रतिष्ठान की ओर से आयोजित सनातन प्रवाह कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ, जिसमें विचारोत्तेजक गोष्ठी में धर्मबोध और शौर्यबोध पर विद्वानों ने विचार रखे।

उज्जैनSep 24, 2019 / 11:16 pm

Lalit Saxena

Ujjain News: दिव्य भारत प्रतिष्ठान की ओर से आयोजित सनातन प्रवाह कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ, जिसमें विचारोत्तेजक गोष्ठी में धर्मबोध और शौर्यबोध पर विद्वानों ने विचार रखे।

उज्जैन। दिव्य भारत प्रतिष्ठान की ओर से आयोजित सनातन प्रवाह कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ, जिसमें विचारोत्तेजक गोष्ठी में धर्मबोध और शौर्यबोध पर विद्वानों ने विचार रखे। संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष अजीत तिवारी ने संगठन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदू समाज में धर्मबोध एवं शौर्य बोध का पुनर्जागरण ही संस्था का एकमात्र लक्ष्य है। प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुमन भाई ने बताया किसी षड्यंत्र के तहत धर्म और शौर्य के महान ग्रंथ महाभारत को हिंदू घरों से लांछित, अपमानित कर निर्वासित किया गया। साथ ही धर्म और शौर्य भी समाज से निर्वासित हो गया, परिणामस्वरूप हमें पराजयों का दंश झेलना पड़ा।

देशभर में 120 स्थानों पर होंगे कार्यक्रम
संस्था के मुख्य न्यासी पवन श्रीवास्तव ने कहा कि देशभर में 120 स्थानों पर कार्यक्रम किए जाएंगे तथा महाभारत ग्रंथ को घर-घर में स्थापित करने के लिए अलख जगाया जाएगा। मुख्य संरक्षक स्वामी ज्ञानविजय सरस्वती ने दिव्य भारत की संकल्पना को साकार करने में योग और अध्यात्म की भूमिका को उल्लेखित करते हुए अपने आशीर्वचन दिए।

ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में वक्ताओं में शैलेन्द्र शर्मा और केएन वशी ने विचारों से सबका मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम समाप्ति पर अनन्या मोड़ की कथक प्रस्तुति और स्वामी ज्ञानविजय सरस्वती व मुख्य संयोजक माता अमृतानंद सरस्वती के भजन हुए। दीपक राजवानी के अनुसार कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान शर्मा, संत सुमनभाई, डॉ. अर्चना सुमन द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया।

11 महिलाओं का दल बनाया
नंदिनी जोशी के नेतृत्व में 11 महिलाओं के दल का दिव्य भारत संस्थान के लिए गठन किया गया, जिसमें साधना उपाध्याय, रेखा भार्गव, गीता सोनकर, श्वेता रावल, गरिमा त्रिपाठी, कीर्ति शर्मा, रश्मि पांडे, मौली पंवार, शोभना जोशी, सीता शर्मा शामिल हैं। कार्यक्रम में भगवान शर्मा, सरोज अग्रवाल, पंकज घाटिया, मनीष चौधरी आदि मौजूद रहे।

दो बच्चों की फीस प्रदान की
सुमन भाई तथा डॉ. अर्चना सुमन द्वारा सुदामा निधि के अंतर्गत दो बच्चों को स्कूल की वार्षिक फीस प्रदान की गई। नैंसी प्रजापत और नवीन प्रजापत के माता पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वे फीस भर पाने की स्थिति में नहीं थे, जिसे देखते हुए सुमन भाई और उनकी पत्नी द्वारा वर्षभर की फीस का चेक प्रदान किया गया।

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