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Video सजदे में झुके हजारों सिर, फिर गले मिल दी ईद की मुबारकबाद

locationउज्जैनPublished: Sep 02, 2017 07:37:00 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

मुस्लिम समाज द्वारा ईद का पर्व शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य नमाज इंदिरानगर स्थित ईदगाह पर संपन्न हुई।

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उज्जैन. मुस्लिम समाज द्वारा ईद का पर्व शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य नमाज इंदिरानगर स्थित ईदगाह पर संपन्न हुई। खुदा की इबादत में हजारों सिर झुके। बाद में सभी ने एक-दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। कलेक्टर संकेत भोंडवे और एसपी सचिन अतुलकर ने भी ईदगाह पहुंचकर सभी को मुबारकबाद दी।


शहरकाजी मौलवी खलिकुर्रेहमान ने बताया ईद-उल-जुहा शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ईद की नमाज ईदगाह में 7.45 बजे अदा की गई। दीगर मस्जिदों जामा मजिद 8.15, शाही मस्जिद 8.00, फतेह मस्जिद 7.55, मस्जिद सारवान 8.00, मस्जिद मिर्जावाड़ी 8.00, मस्जिद शिकारी गली 8.00, मस्जिद भैरवगढ़ 8.30, बड़ी मस्जिद फ्रीगंज 8.30, लाल मस्जिद नई सड़क 7.50 बजे, मस्जिद उमर दमदमा 8.15 बजे, मस्जिद मेग्जिन बाबा 8.45 बजे, मस्जिद पाण्ड्याखेड़ी 8.45 बजे, मस्जिद धोबियान 8.00 बजे नमाज अदा की गई।

एक दिन पहले बोहरा समाज ने मनाई ईद
शुक्रवार को बोहरा समाज ने ईद का पर्व मनाया। पर्व पर समाजजनों में पर्व को लेकर खासा उत्साह था। सुबह समाज की मस्जिदों में नमाज अदा की गई। इसके बाद समाज के जमातखानों में सामूहिक कुर्बानी दी।

शाजापुर में भी छाया रहा ईद का उल्लास
शाजापुर. समाज द्वारा शनिवार को ईद-उल-अज़हा (बकरीद) का पर्व मनाया गया। ईद पर्व पर समाजजन काफी उत्साहित नजर आए। ईद की विशेष नमाज गिरवर रोड स्थित ईदगाह पर अदा की गई। इसके बाद कुर्बानी का दौर शुरू हुआ। नमाज के लिए सुबह से मुस्लिम भाई नए वस्त्र पहनकर गिरवर रोड स्थित ईदगाह पहुंचे। यहां सुबह 9:30 बजे अब्दुल गफ्फार हाफीज ने ईद की नमाज अता कराई। इसके बाद काजी मोहसिनउल्ला सा. ने खुतबा पढ़ा। नमाज के बाद एक-दूसरे को मुबारकबाद देने का सिलसिला शुरू हुआ। साथ ही बकरों की कुर्बानी भी शुरू हो गई। ईद की नमाज दायरा मस्जिद, पीपल पत्ता मस्जिद, टंकी चौराहे स्थित मस्जिद, खडख़डिय़ा मस्जिद में भी अलग-अलग समय में अदा की गई। इसके बाद देर शाम तक दावतों का दौर चलता रहा। कुर्बानी का यह सिलसिला तीन दिनों तक चलेगा। बकरीद ईद पर तीन दिन तक कुर्बानी दी जाती है।


बच्चों सा पालते हैं बकरों को
जमीअत उलैमा-ए-हिंद शहर सदर मुफ्ती अब्दुल हमीद सा. ने बताया कि बकरीद पर बकरों की कुर्बानी देना सबसे बड़ा सवाब माना जाता है। पहले बकरे को बच्चों जैसा पालते हैं उसके बाद ही कुर्बानी दी जाती है। कुर्बानी में बकरा, भेेड़, दुंबा, भैंस, ऊं ट जैसे जानवर का होना आवश्यक होता है। उन्होंने बताया कि बकरीद पर कुर्बानी साहिबे निसाब पर फर्ज है। जिस पर जकात वाजिब है उस पर कुर्बानी वाजिब है। ये कुर्बानी हजरत इब्राहिम अलैहिम अस्सलाम की सुन्नत है। उन्होंने बताया कुर्बानी के तीन हिस्से होते हैं, जिनमें एक हिस्सा स्वयं के लिए, दूसरा हिस्सा गरीबों और तीसरा दोस्त अहबाब के लिए होता है।

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