विभिन्न तीज-त्योहारों में प्रमुख शारदीय नवरात्र महापर्व रविवार से शुरू हो रहा है। पूरे नौ दिनों तक मंदिरों में देवी आराधना और भक्ति का उल्लास छाएगा। शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से शुरू होकर 7 अक्टूबर तक रहेगा। इस बार पूरे नौ दिनों की नवरात्र रहेगी। 8 अक्टूबर को विजयदशमी का त्योहार मनाया जाएगा। शहर में देवी मंदिरों में आकर्षक साज-सज्जा हो चुकी है। वहीं अगले नौ दिनों में हवन-पूजन और साधनाओं को दौर चलेगा।बता दें कि पौराणिक नगरी उज्जैन में शक्तिपीठ हरसिद्धी माता मंदिर, गढ़कालिका माता व भूखीमाता का मंदिर खासा प्रभावित है। यहां आने वाले भक्तों की हर मुराद पूरी होती है। हरसिद्धी मंदिर में नौ दिनों तक दीपमालिकाएं भी प्रज्जवलित होती है। इसके देश ही नहीं विदेशों से भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने या मनोकामनाए इच्छाएं लेकर दीपमालिका प्रज्जवलित कराते हैं। मातारानी की आराधना में शहर के विभिन्न हिस्सों में पांडाल स्थापित कर माता की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है। इसके अलावा शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा गरबे का आयोजन भी करवाया जाता है।
नवरात्र में नौ देवियों की विशेष तिथियां
29 सितंबर : नवरात्र का पहला दिन, प्रतिपदा, कलश स्थापना, चंद्र दर्शन और शैलपुत्री पूजन।
30 सितंबर: नवरात्र का दूसरा दिन, बह्मचारिणी देवी का पूजन।
1 अक्टूबर: नवरात्र का तीसरा दिन, चंद्रघंटा देवी का पूजन।
2 अक्टूबर: नवरात्र का चौथा दिन, कूष्मांडा देवी का पूजन।
3 अक्टूबर: नवरात्र का पांचवां दिन, स्कंदमाता का पूजन।
4 अक्टूबर: नवरात्रि का छठा दिन, षष्ठी, सरस्वती पूजन।
5 अक्टूबर: नवरात्रि का सातवां दिन, कात्यायनी पूजन।
6 अक्टूबर: नवरात्रि का आठवां दिन, कालरात्रि व कन्या पूजन।
7 अक्टूबर: नवरात्रि का नौवां दिन, महागौरी व कन्या पूजन, नवमी हवन, नवरात्रि पारण।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिर्विद पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार देवी के घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक लाभ व अमृत के चौघडि़ए में किया जा सकता है। इसके अलावा दोपहर 1.30 से 3 बजे तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा। नवरात्र का आरंभ रविवार को हो रहा है, जो कि बहुत शुभ है। इस दिन हस्त नक्षत्र और ब्रह्म योग बन रहे हैं।