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छात्र एडमिशन के लिए आते हैं तो पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने से घबरा जाता हूं

locationउज्जैनPublished: Aug 19, 2022 01:20:42 pm

Submitted by:

atul porwal

– पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के १४वें स्थापना दिवस पर कुलाधिपति के सामने कुलपति ने रखी अपनी समस्याएं

Establishment dsy of Panini Sanskrut University Ujjain MP

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उज्जैन.
विश्वविद्यालय में दो शिफ्ट में अध्यापन कार्य चल रहा है, जबकि मैं इसे तीन शिफ्ट में करना चाहता हूं। ऐसा नहीं कि प्रवेश नहीं मिल रहे। नए एडमिशन के लिए जब भी छात्र आते हैं, मैं घबरा जाता हूं। हमारे पास इतना इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ संसाधन नहीं कि ज्यादा बच्चों को पढ़ा सकें। स्टाफ की स्थिति भी विचारणीय है। जो शिक्षक सुबह बच्चों को पढ़ाते हैं वे दोपहर में कार्यालयीन (बाबू का) काम करते हैं। यह व्यथा पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कुमार सी जी ने विवि के १४वें स्थापना दिवस पर मंच से कुलाधिपति व प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल के सामने सार्वजनिक रूप से रखी।
गौरतलब है कि उज्जैन भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली के साथ राजा विक्रमादित्य व बाबा महाकालेश्वर के नाम से विश्वभर में विख्यात है। धार्मिक व शिक्षा के क्षेत्र से विख्यात उज्जयिनी में पिछले १३ वर्ष से पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय संचालित हो रहा है, जहां विभिन्न विषयों की लगभग २० क्लासेस में करीब ६५० विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए विवि के पास ६ स्थाई तथा लगभग २० अतिथि शिक्षक हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो विवि के पास करीब १५ क्लास रूम हैं। विषयों में भी ९ डिग्री, १० डिप्लोमा तथा एक संस्कृत संभाषण शामिल हैं। इस लिहाज से धार्मिक शिक्षा के साथ संस्कृत में रुचि रखने वाले प्रदेश भर के विद्यार्थी पाणिनि की ओर दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन शिक्षकों व क्लास रूम की कमी के चलते इसका विस्तर नहीं हो पा रहा है। १७ अगस्त को विक्रम कीर्ति मंदिर में आयोजित पाणिनि के १४ वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में कुलति मेनन के मुंह से विद्यार्थी हित का दर्द छलक पड़ा, लेकिन पूरे कार्यक्रम में ना तो कुलाधिपति पटेल ने कोई आश्वासन दिया और ना ही इस कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कोई दिलासा दिया। कुलपति के उद्बोधन के समय राज्यपाल मंत्री की ओर ईशारा कर रहे थे।
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