उज्जैन

21 विद्यार्थियों को शून्य, फिर भी कर दिया पास

मूल्यांकन में लापरवाही की हद, कई कॉलेजों ने की शिकायत, फीस पर भिड़े कुलसचिव और विद्यार्थी

उज्जैनMar 22, 2018 / 12:53 pm

Lalit Saxena

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उज्जैन. वैसे तो विक्रम विश्वविद्यालय को ए ग्रेड का दर्जा प्राप्त है, लेकिन विद्यार्थियों के अनुसार यहां की गड़बडिय़ां भी ए ग्रेड के स्तर की हो रही हैं। आए दिन विद्यार्थी किसी न किसी समस्या को लेकर विवि के चक्कर काटते हैं। इसमें मूल्यांकन और परीक्षा की त्रुटियां अहम हैं। किसी विद्यार्थी को कम अंक देकर फेल कर दिया जाता है तो कोई शून्य अंक लाकर भी उत्तीर्ण हो जाता है। बुधवार को ऐसा ही मामला बीसीए तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा के रिजल्ट में सामने आया है। गड़बड़ी भी ऐसी कि पूरी व्यवस्था पर ही सवाल उठ रहे हैं। इसमें परीक्षा में शून्य अंक लाकर विद्यार्थी पास हो गए। करीब एक ही कॉलेज के 21 विद्यार्थियों का रिजल्ट कुछ ऐसा ही रहा है। अन्य कॉलेजों के विद्यार्थियों ने भी शिकायतें की हैं। इसके बाद एनएसयूआइ पदाधिकारी कुलसचिव डॉ. परीक्षित सिंह से मिलने के लिए पहुंचे और इस मामले पर खूब हंगामा हुआ।
विवि की बीसीए तृतीय सेमेस्टर का रिजल्ट कुछ दिन पूर्व ही घोषित हुआ। इसमें गणित विषय में एक ही कक्षा के कई विद्यार्थी फेल हो गए। साथ ही परिक्षेत्र के लगभग सभी कॉलेजों में ऐसी स्थिति बनी। वहीं एक बड़ी गड़बड़ी यह सामने आई कि शून्य अंक आने पर भी विद्यार्थी पास हो गए। अब सवाल खड़ा हो गया कि विद्यार्थी को शून्य अंक आया है तो फेल या पास है। या फिर रिजल्ट में गणित विषय के अंक चढ़ाए ही नहीं गए। इसी समस्या को लेकर एनएसयूआइ महासचिव रचित व्यास व अन्य पदाधिकारी कुलसचिव से चर्चा करने के लिए पहुंचे। उन्होंने ज्ञापन सौंपा। इस पर विद्यार्थियों की कॉपी जांच करने के निर्देश दिए गए।
कुलसचिव बोले- हमारी फीस कॉन्वेंट से भी कम
विवि की अव्यवस्थाओं पर चर्चा करते समय विद्यार्थी यूनियन के बबलू खिंची ने कुलसचिव से ज्यादा फीस का मुद्दा उठाया। इस पर कुलसचिव ने कहा हमारी फीस कॉन्वेंट स्कूल से भी कम है। इसके बाद विद्यार्थी भड़क गए। उनका कहना था कि कॉन्वेंट स्कूल में किस गरीब का बच्चा पड़ता है। शासन करोड़ों रुपए का अनुदान क्या इसलिए देता है कि आप विद्यार्थियों पर बोझ डालें। इसके बाद कुलसचिव ने अन्य विश्वविद्यालय से फीस कम होने की बात कही तो विद्यार्थियों ने कहा कि अन्य विश्वविद्यालय से तुलना करने पर यहां की अव्यवस्था भी देख लें। इस पर कुलसचिव ने सीधे कह दिया कि यहां पर सब कुछ ठीक चला रहा है। सब अच्छा है।

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