प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होती है
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम की पूरी प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। सरकारी कॉलेज में प्रवेश बढ़ाने के लिए कॉलेज चलो अभियान भी नए-नए नाम से हर सत्र में संचालित किया जाता है, लेकिन ऑनलाइन रूप से विद्यार्थियों को कितनी मदद मिल रही है। यह बदहाल वेबसाइट के हालात से पता चल सकता है।
प्राचार्य के नाम तक गलत
विभाग की बेवसाइट पर जानकारी स्थिति है कि प्राचार्य के नाम तक गलत है। माधव कॉलेज के प्राचार्य के रूप में अभी भी हेंमत नामदेव कार्यरत है। इसी तरह जीडीसी में जनभागीदारी अध्यक्ष के रूप में शील लश्करी को पदस्थ किया हुआ है। जबकि यह समिति भंग हो चुकी है। एेसी तमाम गलतियों के साथ विभाग की वेबसाइट पर कॉलेजों की जानकारी अपलोड है।
कॉलेजों के पास नहीं वेबसाइट
विभाग की वेबसाइट पर कॉलेजों की जानकारी में एक कॉलेज विभाग की वेबसाइट का है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों को अपनी वेबसाइट बनाने के सालों पहले निर्देश दिए। इसी के तहत इन कॉलेजों की जानकारी का कोलाज बना। इसमें प्रदेश के लगभग सभी कॉलेज हैं, लेकिन जब कॉलेजों की वेबसाइट के ऑप्शन में क्लिक करेंगे तो अलग-अलग तरह की वेबसाइट खुल रही है। किसी मध्यप्रदेश सरकार की वेबसाइट की कोई लिंक रख दी है। किसी ने उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट के किसी पेज की लिंक रख दी है।
यह जानकारी अपडेट करने की स्थिति
शहर के कॉलेजों की वेबसाइट पर जानकारी अपडेट करने की तारीखों पर नजर डालें तो करीब एक साल से किसी ने भी सूचनाओं को अपडेट नहीं किया। विभाग की वेबसाइट पर शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय (जीडीसी), कालिदास कन्या महाविद्यालय, संस्कृत महाविद्यालय अक्टूबर 2017, माधव कॉलेज, माधव लॉ कॉलेज, माधव साइंस कॉलेज की जानकारी दिसंबर 2018 से अपडेट नहीं है।