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महाकाल मंदिर समिति का निर्णय : महाकाल को करीब से छूने का सभी को मिलेगा अवसर, ये है प्लान

locationउज्जैनPublished: Jun 19, 2019 09:53:28 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति का घाटे का बजट, भगवान को अर्पित पगड़ी, घंटी और अन्य सामग्री का विक्रय किया जाएगा

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उज्जैन. महाकालेश्वर मंदिर के सप्ताह के दो दिन छोड़कर आम श्रद्धालुओं को सुबह 11 से अपराह्न 4 बजे तक गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा। भक्तों द्वारा भगवान को अर्पित पगड़ी, घंटी और चांदी-सोने के अलावा अन्य धातुओं की सामग्री का विक्रय होगा। मंदिर में श्रद्धालुओं को दो तरह के चांदी के सिक्कों का विक्रय किया जाएगा। यह निर्णय बुधवार को महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया। इसके साथ ही मंदिर प्रबंध समिति की ओर से वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 72.55 करोड़ के व्यय और 52.84 करोड़ की आय का बजट मंजूर किया गया।

रविवार-सोमवार को छोड़कर गर्भगृह से कराए जाएंगे दर्शन

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के निर्णय अनुसार भगवान के दर्शन आम दर्शनार्थियों को प्रात: 11 से शाम 4 बजे तक रविवार-सोमवार को छोड़कर गर्भगृह से कराए जाएंगे। फिलहाल इस व्यवस्था का अध्ययन के तौर पर प्रारंभ किया जा रहा है। मंदिर समिति, पुलिस, प्रशासन और पुजारी-पुरोहितों के साथ समीक्षा के बाद इसे स्थायी तौर पर लागू करने का निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में शनिवार, रविवार, सोमवार और अवसर विशेष के साथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के पर गर्भगृह में प्रवेश रोक दिया जाता है।

दो तरह के सिक्के

श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर और शिवलिंग की छाप वाला 5 ग्राम का चांदी का सिक्का भी उपलब्ध करवाया जाएगा। एक सप्ताह में उक्त 5 ग्राम के सिक्के दान राशि निर्धारित कर प्रसाद काउंटर से उपलब्ध करवाए जाएंगे। मंदिर समिति की ओर से अभी 10 ग्राम चांदी का सिक्का 1100 रु में उपलब्ध कराया जाता है।

सेवकों का वेतन मूल्य सूचकांक के आधार पर

प्रबंध समिति अध्यक्ष और कलेक्टर शशांक मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मंदिर के अधिकारियों और सेवकों की प्रति तीन वर्ष में वेतन/भत्ते/पारिश्रमिक की राशि में वृद्धि के संबंध 10 प्रतिशत की वृद्धि पर चर्चा की गई। इस पर निर्णय लिया गया कि कर्मचारियों का वेतन मूल्य सूचकांक से जोड़कर दिया जाए। इस संबंध में सहायक कोषालय अधिकारी एवं सदस्यों की समिति बैठकर निर्णय करेगी। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि सभी कर्मचारियों का एक ड्रेसकोड भी होना चाहिए। ड्रेसकोड तय करने के लिये समिति के सदस्य एवं सहायक प्रशासनिक अधिकारी मिलकर यह तय करेंगे कि किस रंग की ड्रेस को तथा कितने मूल्य का कपड़ा इस ड्रेस पर व्यय किया जाना है। कर्मचारियों को उक्त ड्रेस बनाने के लिए सिलाई सहित पैसा उनके खाते में जमा कराने का निर्णय लिया गया। मंदिर प्रबंध समिति ने सेवकों को मेडिक्लेम का लाभ देने की बजाय कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआईसी) के दायरे में लाने का निर्णय लिया है।

लड्डू प्रसाद के लिए उप समिति गठित

महाकाल लड्डू प्रसाद निर्माण पर निविदा को लेकर समिति के सदस्यों अनुसार जो व्यक्ति (कारीगर) इस समय लड्डू प्रसाद का निर्माण कर रहा है, वह काफी समय से लड्डू निर्माण में संलग्न है। उसके द्वारा निर्मित लड्डू प्रसाद का एक विशिष्ट स्वाद सम्पूर्ण देश में पहचान बना चुका है। यदि किसी अन्य व्यक्ति से लड्डू सामग्री तैयार करवाई जाती है तो इसके स्वाद में अन्तर आएगा। लड्डू निर्माण की विधि एवं तकनीक संबंधित कारीगर की शैली पर निर्भर करती है, इसलिए लड्डू प्रसाद के स्वाद को बनाए रखने के लिए निविदा पर विचार के लिए उप समिति का गठन किया गया है। कलेक्टर ने उपसमिति को सात दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

संध्या और शयन आरती के लिए प्रेरित करने का प्रस्ताव

भगवान महाकाल के दर्शन करने वाले श्रद्धालु यदि उज्जैन में एक या दो दिन रुकते हैं तो इससे शहर के पर्यटन एवं आर्थिक विकास में वृद्धि होगी। इसलिए श्रद्धालुओं को महाकालेश्वर मन्दिर की ओर से क्या सुविधाएं दी जा सकती हैं, इस पर कलेक्टर मिश्रा ने सुझाव देने के लिए कहा है। इसमें भगवान की संध्या और शयन आरती के लिए भी श्रद्धालुओं को प्रेरित किया जाए। इसके लिए योजना और व्यवस्था तैयार करने के लिए समिति गठित की गई।

भगवान को अर्पित सामग्री श्रद्धालुओं को मिलेगी

भगवान महाकाल को भक्तों द्वारा अर्पित विभिन्न सामग्री, पगड़ी, घंटी, पात्र और वस्त्र से मंदिर का कोठार भर गया है। मंदिर प्रबंध समिति ने चांदी की सामग्री को छोड़कर अन्य धातुओं की सामग्री, घंटी, पगड़ी एवं अन्य सामग्री का डिस्प्ले करके इन सामग्री का दान राशि तय कर बिक्री के लिए रखे जाने का निर्णय भी लिया गया। श्रद्धालु मंदिर समिति द्वारा तय राशि का भूगतान कर सामग्री को अपने साथ ले जा सकेंगे।

मंदिर परिसर में गलेगी चांदी

महाकाल मंदिर के कोठार में बड़ी मात्रा में चांदी की सामग्री है। इनका उपयोग नहीं हो रहा है। प्रथम चरण में करीब १३२ किलो चांदी को मंदिर में ही भट्टी लगाकर गलाया जाएगा। इसमें से कुछ चांदी से भगवान के आभूषण तैयार होगे। शेष चांदी को मंदिर रखा जाएगा।

जमीन अधिकग्रहण के लिए मुआवजा राशि का अनुमोदन

महाकालेश्वर मंदिर विकास योजना के लिए भू-अर्जन अधिनियम 2013 और महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम सन 1982 की धारा 33 का प्रयोग करते हुए भूमि अधिग्रहण की प्रकिया प्रचलन में है। इसके लिए सर्विस चार्ज के साथ की मुआवजा राशि का अनुमोदन मंदिर समिति की बैठक में किया गया है। इसमें एक जमीन के लिए करीब 23 लाख रु. और दूसरी के लिए लगभग 7 करोड़ का मुआवजा प्रस्तावित है। भुआवजा भुगतान के बाद भूमि अधिग्रहण के लिए धारा 19 और धारा 11 के तहत कार्रवाई होगी।

यह भी निर्णय

– मंदिर के विभिन्न देयकों के भुगतान में जीएसटी/टीडीएस के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन के साथ राशि का भुगतान।
– सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी के घायल कर्मचारियों के उपचार पर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा खर्च राशि का समायोजन एजेंसी की भुगतान से।

– मंदिर में स्थित यज्ञशाला का किराया प्रतिदिन के हिसाब से 1500 रुपए तय।
– मंदिर के सेवकों को अधिकतम 15 दिन का चिकित्सा अवकाश की पात्रता।

– पुजारी प्रतिनिधि,मंदिर परिसर में स्थित अन्य मंदिरों के लिए पुजारियों की नियुक्ति पर उपसमिति की अनुशंसा के आधार पर निर्णय होगा।
– नगर निमग से प्राप्त 80 वायरलेस सेट के उपयोग पर स्पेक्ट्रम चार्ज का वार्षिक भुगतान करने के साथ 50 सेट वापस किए जाएंगे।

-टेंट व्यवस्था 20 लाख, विद्युत सज्जा 15 लाख, किराए पर सीसीटीवी कैमरे 10 लाख की निविदा का अनुमोदन।

करीब 19 करोड़ का घाटा

बैठक में श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति की ओर से आय-व्यय पत्रक को मंजूरी दी गई। वर्ष 2018-19 में 4594 लाख रुपए की आय तथा 3970.30 लाख रुपए का व्यय हुआ है। इसमें समिति को 0624.10 लाख रुपए का लाभ रहा। वर्ष 2019-20 के लिए 5284.33 लाख रुपए की आय और 7255.06 लाख रुपए का व्यय प्रस्तावित किया गया है। इस प्रकार 1970.73 लाख रु. का घाटा है। आय-व्यय पत्रक को समिति द्वारा अनुमोदित किया गया। बैठक में एसपी सचिन अतुलकर, नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल, प्रशासक अवधेश शर्मा, समिति सदस्य आशीष पुजारी, विजयशंकर पुजारी एवं दीपक मित्तल, महन्त रामेश्वरदास मौजूद थे।

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