शिप्रा शुद्धिकरण अभियान की तैयारियों की बैठक में अभियान की कार्ययोजना कि समीक्षा करते हुए संभागायुक्त एमबी ओझा ने कहा कि अब हमने ठान लिया है, शिप्रा को पूर्ण स्वच्छ करना है। इसमें एक बूंद भी गन्दा पानी नहीं मिलेगा। शिप्रा को मैला भी नहीं करने देंगे। उज्जैन कलेक्टर मनीष सिंह इन्दौर को देश में नम्बर.1 स्वच्छ शहर बनाकर आए हैं,अब इनके साथ शिप्रा को पूर्ण स्वच्छ करने का दायित्व पूरा किया जाएगा। शिप्रा शुद्धिकरण जन भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है।
संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि शिप्रा किनारे घाटों पर जहां-जहां लोग स्नान करते हैं वहां एयरीफिकेशन के लिए फव्वारे लगाए जाएं। बिजली की सुविधा न हो तो जनरेटर लगाएं। यह कार्य तत्काल कर लिया जाएं। इसी के साथ रामवासा में स्टॉपडैम की मरम्मत के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जहां- जहां नगर निगम द्वारा कचरा पेटियां रखी गई हैं, उन्हें हटवाया जाए। कचरा पेटियों के आसपास गंदगी इक_ी होती है। कचरे का संग्रहण वाहनों के द्वारा घर-घर से होगा। इसके लिए वाहनों की संख्या बढ़ाएं। नगर में शत-प्रतिशत कचरा संग्रहण कचरा संग्रहण वाहनों से होना चाहिए। उन्होंने सीवरेज कार्य को समय सीमा में पूर्ण किए जाने, सॉलिड वेस्ट के समुचित प्रबंधन एवं मुक्तिधाम संबंधी कार्य को शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश भी दिए। बैठक में अपर कलेक्टर बीबीएस तोमर, संयुक्त आयुक्त प्रतीक सोनवलकर सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
रामघाट पर दो मंजिला पब्लिक टॉयलेट का काम रुका
उज्जैन पत्रिका. रामघाट पर श्रद्धालु अच्छे सुविधाघर की सुविधा से अरसे से दूर हैं। स्वच्छ भारत मिशन के फंड से निगम ने यहां सुविधायुक्त दो मंजिला पब्लिक टॉयलेट का काम शुरू कराया था, लेकिन एक साल बीतने पर भी इसकी सुविधा लोगों को नहीं मिल पाई। स्थल संबंधी विवाद और अब निगम प्रशासन की अनदेखी में ये निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा। करीब ४० लाख की लागत से यहां हाइजिनिक टॉयलेट बनना है, जिसके संचालन एवं संधारण का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल कंपनी को दिया जाएगा। निर्माण एजेंसी भी वहीं है। मौके पर एक मंजिल स्ट्रक्चर तो बन चुका है, लेकिन इस पर प्लास्टर नहीं हुआ। साथ ही दूसरी मंजिल व सैनेटरी संबंधी कार्य भी नहीं हुआ। निर्माण कार्य करीब ५ माह से बंद पड़ा है। इस कारण यहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को टॉयलेट के लिए यहां वहां भटकना पड़ता है। इधर सुलभ कंपनी प्रबंधन का कहना है कि पीछे स्थित मौलाना मौज दरगाह कमेटी से जुड़े लोगों द्वारा विरोध किए जाने से काम बंद करना पड़ा। यदि स्थानीय निगम प्रशासन इसका समाधान कराएं तो फिर से काम शुरू कर देंगे।