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फेल होने पर चली जाएंगी नौकरी

locationउज्जैनPublished: Oct 03, 2019 10:03:37 pm

Submitted by:

Shailesh Vyas

शिक्षक ही जब टेस्ट में पास नहीं होंगे तो विद्यार्थियों का भविष्य कैसे बनेगा। शिक्षकों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। दक्षता परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने पर शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा

Failure will leave the job

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उज्जैन. हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों के बोर्ड परीक्षा में खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों की एक और दक्षता परीक्षा होगी। इसमें उन शिक्षकों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने पिछले टेस्ट में 50 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त किए थे। इस परीक्षा में अब फेल होने पर शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। परीक्षा 14 अक्टूबर को होगी।दक्षता परीक्षा में पास नहीं होना शिक्षकों के लिए मुसीबत साबित होगा। टेस्ट में अनुत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। स्कूल शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा कि 14 अक्टूबर को उन शिक्षकों का दक्षता टेस्ट आयोजित होगा। इसमें वे शिक्षक शामिल होंगे, जिन्होंने पिछले टेस्ट में 50 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त किए हैं। तिमाही के परीक्षा के कारण आगे बढ़ी तारीख एेसे हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल, जहां के बोर्ड परीक्षा परिणाम 30 फीसदी से कम थे, वहां के शिक्षकों की मई-जून में परीक्षा आयोजित की गई थी। यह परीक्षा पिछले चार साल के दसवीं और बारहवीं के प्रश्न पत्रों के आधार पर हुई थी। उज्जैन सहित पूरे प्रदेश में खराब परीक्षा देने वाले शिक्षकों की पहली बार परीक्षा आयोजित की गई थी। शिक्षक हैंडबुक के आधार पर विषयवार ऑनलाइन टेस्ट पिछले दिनों लिए गए। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत इस टेस्ट में 70 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया था। इसमें कुछ शिक्षकों ने ही अच्छे अंक प्राप्त किए थे। शेष शिक्षक 50 प्रतिशत अंक तक हासिल नहीं कर पाए थे। विभाग ने ऐसे शिक्षकों का दक्षता टेस्ट लेने की तैयारी की है।
70 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य
लोक शिक्षण संचालनालय ने जारी आदेश में कहा है कि तिमाही परीक्षा होने के कारण शिक्षकों की दक्षता टेस्ट की तारीख आगे बढ़ाई गई है। स्कूल शिक्षा विभाग यह टेस्ट 25 सितंबर को आयोजित करने वाला था लेकिन अब यह परीक्षा 14 अक्टूबर को आयोजित होगी। कम अंक लाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत इस टेस्ट में 70 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया था। शासन ने कहा था कि इससे कम प्रतिशत अंक लाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। इसके बावजूद शिक्षकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। प्रथम टेस्ट के परिणाम सामने आए तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। उज्जैन जिले में ६४ शिक्षक निर्धारित अंक भी प्राप्त नहीं कर पाए थे। लोक शिक्षण आयुक्त ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाए। इस नोटिस में जवाब तलब कर कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं उदासीनता बरतने के कारण एक वेतनवृद्धि रोकने की चेतावनी भी दी। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि दक्षता के लिए एक टेस्ट लेकर अंतिम अंतिम अवसर दिया जाए। अंतिम टेस्ट में 77 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त होते हैं तो इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
सेवानिवृत्ति का मन बनाया
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दक्षता टेस्ट में बार-बार फेल होने वाले शिक्षकों को किसी भी सूरत में अब बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षक ही जब टेस्ट में पास नहीं होंगे तो विद्यार्थियों का भविष्य कैसे बनेगा। शिक्षकों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। करीब एक माह पहले मंत्रालय में आयोजित बैठक में परीक्षा में फेल होने वाले शिक्षकों को बीस-पचास के फार्मूले के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के निर्देश दिए हैं।
इनका कहना
दक्षता परीक्षा के लिए प्रशिक्षण जारी है। 14 अक्टूबर को शिक्षकों का दक्षता टेस्ट होगा। टेस्ट के परिणाम के बाद क्या कार्रवाई होगी यह स्पष्ट नहीं किया गया है।
-रमा नाहटे, जिला शिक्षा अधिकारी।

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